
इस दिन इन कामों से करें परहेज

पितरों की निंदा से बचें: कार्तिक अमावस्या के दिन अपने पितरों की आलोचना या अपमान करना पितृ दोष का कारण बन सकता है. इसलिए इस दिन श्रद्धा और सम्मान से उनका स्मरण करें.
✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
देर तक न सोएं: अमावस्या की सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा-पाठ करें. देर तक सोना इस दिन अशुभ माना गया है और इससे मां लक्ष्मी की कृपा कम हो सकती है.
गंदे या काले वस्त्र न पहनें: इस दिन साफ-सुथरे और हल्के रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. काले कपड़े पहनना या गंदे वस्त्र धारण करना नकारात्मकता लाता है.
बाल और नाखून न काटें: अमावस्या के दिन बाल या नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता. ऐसा करने से शरीर की ऊर्जा पर असर पड़ता है और इसे धार्मिक दृष्टि से वर्जित माना गया है.
वाद-विवाद से रहें दूर: इस दिन किसी से झगड़ा, बहस या कटु वचन बोलने से बचें. घर में शांति बनाए रखें, इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
सुनसान जगहों पर न जाएं: अमावस्या की रात को किसी निर्जन या अंधेरे स्थान पर जाने से बचें. इस दिन नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय मानी जाती हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है.
इस दिन क्या करें
पवित्र स्नान करें: सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. अगर यह संभव न हो, तो घर पर साफ पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
पितरों की पूजा और स्मरण: अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाएं, तिल डालें और उनका स्मरण करें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
दान-पुण्य करें: भूखे और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं, कपड़े, फल या अन्य वस्तुएं दान करें. इससे पुण्य फल मिलता है और घर में समृद्धि आती है.
देवी-देवताओं की पूजा: भगवान विष्णु, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें. फूल, फल, मिठाई और दीपक अर्पित करें.
दीपक जलाएं: घर और चौखट पर दीपक जलाएं. घी में हल्दी या केसर मिलाकर दीपक जलाने से आर्थिक संकट दूर होते हैं.
व्रत और उपवास: इच्छा अनुसार निर्जला उपवास या फलाहार व्रत रखें. यह मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए लाभकारी होता है.
तुलसी और पेड़ों की पूजा: तुलसी माता की परिक्रमा और पूजा करें. पीपल, बरगद या अन्य पवित्र पेड़ों के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
कार्तिक अमावस्या के दिन पितरों के लिए क्या करना चाहिए?
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, तिल डालें और पितरों का स्मरण करें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति आती है.
अमावस्या के दिन क्या दान किया जा सकता है?
जरूरतमंदों को भोजन, फल, कपड़े या अन्य सामग्री का दान करना पुण्यदायक माना जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.✧ धार्मिक और अध्यात्मिक


