आज ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. इस तिथि पर हर माह कालाष्टमी पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है.

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इस दिन सच्चे मन से भोलेनाथ के इस स्वरूप की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों, शत्रुओं और सभी बाधाओं का नाश होता है. ऐसे में आइए जानते हैं भगवान भैरव का प्रिय भोग और पूजा मंत्र…

कालाष्टमी पूजा विधि – Kalashtami 2025 puja vidhi

इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं, फिर नित्य क्रिया के बाद स्नान करें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लीजिए. अब आप पूजा स्थल की सफाई करके गंगाजल छिड़किए. इसके बाद आप मंदिर में चौकी रखें, उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं फिर उसपर काल भैरव और शिव जी की मूर्ति स्थापित करिए. अब आप शिव जी की पूजा शुरु करिए. आपको बता दें कि काल भैरव को सफेद चंदन का तिलक लगाया जाता है. अब आप फल और मिठाई का भोग लगाएं. अब आप काल भैरव की आरती करिए और व्रत का संकल्प लीजिए. इसके बाद हाथ जोड़कर अपनी भूल चूर के लिए माफी मांगिए और पूजा का समापन करिए.

भगवान काल भैरव पूजा मंत्र – Masik Kalashtami 2025 Puja Mantra

ॐ भैरवाय नमः
ॐ कालभैरवाय नमः
ॐ ह्रीं बटुक भैरवाय नमः
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट

भगवान भैरव प्रिय भोग- Masik Kalashtami 2025 Bhog List

उड़द की दाल के पकौड़े , गुलगुले, जलेबी और काले तिल का भोग और दान कालाष्टमी पर महत्वपूर्ण माना जाता है.

20 मई 2025 शुभ मुहूर्त – 20 May 2025 auspicious time

  • अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12:44 तक है.
  • विजय मुहूर्त दोपहर 02:22 से शाम 03:25 तक है.
  • गोधुली मुहूर्त- शाम 06:26 से शाम 07:24 तक है.
  • ब्रह्म मुहूर्त 4:07 से 05:09 am तक है.
  • अमृत काल सुबह 06:02 से 07:42 तक रहेगा.
  • निशीता काल रात्रि 11:41 से 12:22 तक रहेगा.
  • इस दिन संध्या पूजन का मुहूर्त 06:20 से 07:08pm तक रहेगा.

आज का दिशा शूल – मंगलवार के दिन उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए, लेकिन आवश्यक हो तो फिर गुड़ खाकर चौघाड़िया मुहूर्त में यात्रा शुरु करें.

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