
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की नींव तक हिला देने वाला जवाब,भारत द्वारा हाल ही में चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य कार्रवाई था, बल्कि यह उस संप्रभुता और संकल्प का प्रतीक है जिसके बल पर देश ने दुनिया को एक बार फिर स्पष्ट संदेश दिया—आतंक का कोई आश्रय अब सुरक्षित नहीं। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकी ठिकानों को सटीक निशाने पर लेकर मिनटों में तबाह कर दिया गया।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
पाकिस्तान जो अब तक आतंकियों की शरणस्थली बना हुआ था, वह खुद अपने ही बनाए दावानल में झुलसता नजर आ रहा है। जिन आतंकियों को वह पालता-पोसता था, आज उन्हीं के शवों को पाकिस्तानी सेना राजकीय सम्मान से दफन कर रही है। इससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों के रिश्ते कितने गहरे हैं।
पूरा पाकिस्तान इस ऑपरेशन के बाद से दहशत में है। लोग अपने ही घरों में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे, रातें करवटों में बीत रही हैं और हर कोना मोदी के ख्वाब से थरथरा रहा है। भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान की दुखती रग पर वार किया है—उसके ‘स्ट्रेटजिक एसेट्स’ अब कब्रों में तब्दील हो चुके हैं।
यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है—भारत अब नापाक इरादों पर मौन नहीं रहेगा। आतंक की जड़ें जहां होंगी, वहीं जाकर उखाड़ी जाएंगी। ऑपरेशन सिंदूर भारत के सुरक्षा सिद्धांतों में एक नया अध्याय है, जो आने वाले समय में भी पाकिस्तान और दुनिया को याद रहेगा।हिंदुस्तानी सेना के शौर्य के आगे ना सिर्फ हाफिज सईद थर्रा गया..बल्कि जैश ए मोहम्मद का संस्थापक मसूद अज़हर भी घुटनों पर आ गया। सबसे करारा हमला बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर हुआ। यहां मसूद अजहर का परिवार रहता था और खुद मसूद अजहर ने कबूल किया कि हिंदुस्तान के हमले में उसके 14 लोग मारे गए। इनमें से 10 लोग उनके परिवार के थे।
खंडहर हो गया आतंकी मसूद अजहर का हेडक्वार्टर
मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। जो कई टेररिस्ट्स का आका है, जिसको पाकिस्तान अपने पनाहगाह में रख रहा था। उसका पूरा आतंकी मॉड्यूल तबाह हो चुका है। बहावलपुर से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों के अड्डे नेस्तनाबूद हुए। जहां से बैठकर मसूद अजहर हिंदुस्तान पर हमले की योजना बनाता था, वो जगह आज किसी खंडहर से कम नहीं है। जो मसूद अजहर बेगुनाह हिंदुस्तानियों को मारने में शामिल था..आज वो अपने परिवार की लाशें गिन रहा है। मसूद का खानदान खत्म हो गया। मसूद अजहर की ओर से कहा गया कि “मैं ही मर गया होता”।
आतंकी हाफिज सईद का गुनाह
26 नवंबर 2008..मुंबई अटैक…जहां 160 से ज्यादा लोगों की जान गई। अक्टूबर 2024…सोनमर्ग अटैक…जहां 8 लोगों की मौत हो गई….जिनमें से 7 गरीब मजदूर थे। 2024 में रियासी में हमला हुआ…9 लोगों ने जान गंवाई और पहलगाम का दर्द तो अभी भी महसूस कर सकते हैं जब 22 अप्रैल को 26 निर्दोष पर्यटकों को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी गई। इन सारे गुनाहों के लिए जिम्मेदार लश्कर आतंकी हाफिज सईद है…जिसके आतंकी अड्डों पर हिंदुस्तान का कहर ऐसा बरपा कि सबकुछ मिट्टी-मिट्टी हो गया है।
मसूद अजहर का गुनाह
आतंकियों का दूसरा आका मसूद अजहर जो अब अपनी मौत मांग रहा है। उसका पूरा खानदान मिट्टी में मिल गया है। इसी मसूद ने 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हमला कराया। हमले में 9 लोगं की मौत हुई। 1 अक्टूबर 2001 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर अटैक कराया। 38 जानें गई…2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला कराया…जिसमें 5 जवानों की शहादत हुई। इसी आतंकी मसूद ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा अटैक के जरिये 40 लोगों की जिंदगी छीन ली। अब इन सारी मौतों का हिसाब हिंदुस्तान ने लिया है।
हिंदुस्तान के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को बड़ा संदेश दिया है कि अब नया हिंदुस्तान चुन-चुनकर इंतकाम लेने वाली ताकत है। भारत ने ऐसा बदला लिया है कि पाकिस्तान खुद सामने आकर कबूल कर रहा है कि उसके 26 लोग मारे गए हैं। असली नंबर इससे कहीं और ज्यादा है।
