केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में पिछले वर्षों में बुनियादी बदलाव आए हैं, जिससे यह प्रणाली अब अधिक लचीली, बहुविषयक, समावेशी और नवाचार-प्रेरित बन चुकी है।

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2014-15 की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ गया कुल छात्र नामांकन

गुजरात के केवड़िया में आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधान ने बताया कि भारत में कुल छात्र नामांकन बढ़कर 4.46 करोड़ तक पहुंच गया है, जो कि 2014-15 की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने बताया कि –

  • महिला छात्रों के नामांकन में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • अब महिला सकल नामांकन अनुपात (GER) ने पुरुष GER को पीछे छोड़ दिया है।
  • पीएचडी स्तर पर नामांकन लगभग दोगुना हो गया है।
  • महिला पीएचडी शोधार्थियों की संख्या में 136 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
  • अनुसूचित जनजातियों (ST) का GER 10 प्रतिशत अंक और अनुसूचित जातियों (SC) का GER 8 प्रतिशत अंक बढ़ा है।

2035 तक GER को 50 प्रतिशत पहुंचाना लक्ष्य

प्रधान ने कहा कि 2035 तक उच्च शिक्षा में GER को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिए हमें पाठ्यक्रम पुन: डिजाइन करने, डिजिटल प्रणाली विकसित करने, शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और बहुविषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस कदम उठाने होंगे।

उन्होंने जोर देकर कहा, “इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुलपतियों को विद्यार्थियों की सोच और आकांक्षाओं को दिशा देने वाले उत्प्रेरक की भूमिका निभानी होगी। विश्वविद्यालयों को छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना होगा क्योंकि छात्र ही हमारे भविष्य की राष्ट्रीय शक्ति के मूल हैं।”

युवा बनें रोजगार देने वाले: प्रधान

प्रधान ने कुलपतियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि विश्वविद्यालय भविष्य के लिए तैयार हों, जहां युवाओं को कौशलयुक्त और आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि वे रोजगार पाने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले, सामाजिक उद्यमी और नैतिक नवप्रवर्तक बन सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन के पांच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित यह सम्मेलन, देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नेताओं को एक मंच पर लाकर संस्थागत प्रगति की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करने का अवसर प्रदान करेगा।

दो दिवसीय इस सम्मेलन में शिक्षण-शिक्षण प्रक्रिया, अनुसंधान और शासन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होगी। ये चर्चाएं NEP 2020 के पांच स्तंभों – समानता, जवाबदेही, गुणवत्ता, पहुंच और वहन योग्यता से जुड़ी 10 थीमैटिक सत्रों में आयोजित होंगी।

इन संस्थानों ने लिया भाग

सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख संस्थानों में दिल्ली विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, असम विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर, विश्वभारती, नेशनल संस्कृत विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, सिक्किम विश्वविद्यालय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय शामिल हैं।


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