
आरोपी का नाम हरि सिंह कोपकोटी है। चैतन्यानंद के कहने पर उसने 14 सितंबर को एक पीड़िता के पिता को काॅल कर शिकायत वापस लेने की धमकी दी थी। धमकी देने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अब तक दो आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
शनिवार देर रात पहले आगरा के होटल फर्स्ट में छिपे चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह वसंत कुंज स्थित इंस्टीट्यूट से फरार चल रहा था। उससे पूछताछ व जांच के बाद सोमवार को हरि सिंह कोपकोटी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
डीसीपी दक्षिण-पश्चिम जिला अमित गोयल के मुताबिक हरि सिंह कोपकोटी उत्तराखंड का रहने वाला है। उसे उसके घर से ही गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया। जांच के दौरान पीड़ित लड़कियों में एक ने बताया था कि 14 सितंबर को उसके पिता को धमकी भरी काॅल मिली थी।
जिसके बाद उन्होंने पुलिस से इस बारे में शिकायत की थी। हरि सिंह कोपकोटी बागेश्वर में स्थानीय नगरपालिका में नौकरी करता है। पिछले साल चैतन्यानंद के साथ दिल्ली में उसकी मुलाकात हुई थी। उसके बाद से हरि सिंह, चैतन्यानंद से अक्सर बात करने लगा था।
14 सितंबर को चैतन्यानंद के कहने पर उसने पीड़िता के पिता को काॅल कर शिकायत वापस लेने की धमकी दी थी। पुलिस ने धमकी देने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी कब्जे में ले लिया है।
उधर, रिमांड पर चल रहे चैतन्यानंद को सोमवार को आगे की जांच के लिए इंस्टीट्यूट में ले जाया गया। जहां पुलिस उसे कार्यालय और कमरे में लेकर गई, जहां चैतन्यानंद रहता था।
वहां पर पुलिस ने आरोपी की मौजूदगी में घंटों तलाशी ली और जांच पड़ताल की। इन जगहों से कई साक्ष्य इकट्ठा किए गए। ज्ञात रहे चैतन्यानंद पांच दिन की पुलिस कस्टडी में है। उस पर संस्थान की 17 छात्राओं ने छेड़छाड, अश्लील हरकत करने व आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप लगाया है।
छात्राओं की शिकायत पर संस्थान प्रबंधन ने चार अगस्त को वसंत कुंज उत्तरी थाने में उसके खिलाफ शिकायत दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी।
पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में आगरा में डेरा डाले हुए थीं। गिरफ्तारी के डर से वह आगरा में बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था।
दिल्ली पुलिस ने मामला दर्जकर आरोपी को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया। आरोपी को जांच के सिलसिले में सोमवार को उसके संस्थान ले जाया गया।
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि जांच के दौरान पीड़ित छात्राओं में से एक ने बताया कि 14 सितंबर को उसके पिता को मोबाइल नंबर 975817…. से एक धमकी भरा कॉल आया था। जांच में कॉल करने वाले की पहचान जिला बागेश्वर, उत्तराखंड हरि सिंह कोपकोटी (38 वर्ष) निवासी के रूप में हुई। उसे उसके घर से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वह स्थानीय नगरपालिका में काम करता है। पिछले साल चैतन्यानंद के संपर्क में उस समय आया जब वह अपने एक परिचित के साथ दिल्ली आया था। उसका परिचित आरोपी को पहले से ही जानता था। इस दौरान उसकी आरोपी से मुलाकात हुई। उसने बताया कि आरोपी चैतन्यानंद के निर्देशानुसार उसने 14 सितंबर .09.2025 को अपने मोबाइल फोन से शिकायतकर्ता के पिता से संपर्क किया और उनसे शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया। इसके खिलाफ 232/351(2) (बीएनएस के तहत किए गए अपराध के लिए पाबंद किया गया और जांच से मुक्त करना) के तहत कार्रवाई की गई। आरोपी का धमकी देने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी कब्जे में ले लिया गया है।
संस्थान से आपत्तिनजक सामग्री नहीं मिली
62 वर्षीय सरस्वती को उसके संस्थान में लाया गया। वह पहले इस संस्थान का अध्यक्ष था। अधिकारी ने बताया कि परिसर तथा छात्रावास में लगे सीसीटीवी के बारे में पूछा गया। छात्रावास के बाथरूम के बाहर भी सीसीटीवी थे, जिनके फुटेज उसके मोबाइल फोन में से एक पर देखे जा सकते थे। यहां पुलिस को कोई भी आपत्तिनजक सामग्री नहीं मिली है।


