आपत्तिजनक वीडियो तोता घाटी के पास NH-07 ऋषिकेश मार्ग पर बनाया गया था. दरअसल, सूरज सिंह ने दिगंबर जैन संप्रदाय के कुछ संतों को रास्ते में रोक कर कपड़ा न पहनने को लेकर टिप्पणी की थी. सूरज सिंह ने इसका वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इससे जैन संप्रदाय के भावनाओं को आहत पहुंची.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की है. उन्होंने लिखा, जैन मुनियों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रहा है, जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी ने उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक महोदय को सभी तथ्यों की भली-भांति जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
वहीं, उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की है. उन्होंने लिखा, सोशल मीडिया पर प्रसारित एक युवक द्वारा कुछ दिगंबर संतो के साथ अभद्रता करने संबंधी वीडियो का संज्ञान लेकर उक्त युवक के विरुद्ध धारा 153A, 295A आईपीसी एवं 67A आईटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.
वीडियो में एक युवक कुछ दिगंबर संतो के साथ अभद्रता करता दिख रहा था। लेकिन वीडियो किसने और कहाँ बनाया इसकी जानकारी नहीं थी। डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया की एसटीएफ की जांच करने में सामने आया कि यह वीडियो सूरज सिंह नाम के व्यक्ति के ने थाना देवप्रयाग, जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्र अंतर्गत तोता घाटी के पास में बनाया गया था। इस मामले में उस युवक के खिलाफ थाना देवप्रयाग में धारा 153A, 295A आईपीसी और 67A आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी तक युवक को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इस मामले पर उत्तराखंड पुलिस ऐक्शन मोड में नजर आ रही है। खुद डीजीपी अभिनव कुमार इस मामले पर सख्त रवैय्या अपनाए हुए हैं। इस मामले को लेकर डीजीपी ने साफ कहा की ऐसी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। ये भी कहा की सभी संप्रदायों के हितों की रक्षा के लिए पुलिस तत्पर है। देवभूमि में इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं होगी।
जैन अनुयायियों में नाराजगी
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इस पर लोगों ने प्रतिक्रिया भी देनी शुरू कर दी। इस दौरान लोगों ने युवक द्वारा की गई इस अभद्रता की खूब आलोचना की। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टैग कर आरोपी युवक पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद उत्तराखंड प्रशासन अब ऐक्शन मोड में है।