भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड
वर्ष 2016 में निदेशक विजिलेंस के पद पर तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम शुरू की थी। इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक उभान के खिलाफ रिश्वत की मांग की शिकायत मिली थी।इस शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने ट्रैप कर उसे पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। कोर्ट में ट्रैप के दौरान विजिलेंस की टीम को वकीलों का विरोध भी झेलना पड़ा था,पर बाद में वे भी मान गये थे।
गुणवत्तापूर्ण विवेचना, साक्ष्य संकलन एवं अभियोजन की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप माननीय न्यायालय ने सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।