डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 1.7 करोड़ रुपये की ठगी का मामला उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम टीम ने डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम का पर्दाफाश करते हुए हरियाणा के यमुनानगर से एक आरोपित को गिरफ्तार किया।

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इस मामले में देहरादून की एक महिला पीड़िता को साइबर अपराधियों ने डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 1.7 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया था।

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह ने बताया कि देहरादून निवासी पीड़िता को फ़ेडेक्स कोरियर से एक फर्जी कॉल आई, जिसमें दावा किया गया कि उनके नाम पर भेजे गए पार्सल में अवैध दस्तावेज़ और सामग्री (जैसे नकली पासपोर्ट, ड्रग्स आदि) पाए गए हैं। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बनकर अपराधियों ने स्काइप पर वीडियो कॉल के जरिए पीड़िता को डराया और उन्हें घर में बंद रहने और किसी से संपर्क न करने के लिए कहा। साथ ही बैंक खातों की जानकारी लेकर उनके सभी फंड को जांच के लिए बताए गए खातों में ट्रांसफर करने को कहा। जब पीड़िता ने 1.7 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए और अपराधियों ने और पैसे मांगे तो पीड़िता को ठगी का अहसास हुआ।

एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की। तकनीकी साक्ष्यों और बैंक विवरणों के आधार पर यमुनानगर हरियाणा में दबिश देकर मुख्य आरोपित मनी कुमार (24) पुत्र सागर कुमार निवासी गली नंबर 04 मधु कालोनी चिटा मंदिर थाना सिटी यमुनानगर हरियाणा को गिरफ्तार किया गया। साथ ही उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड बरामद किए गए।

डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम का तरीका

अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ितों को फर्जी मामलों में फंसाने का डर दिखाते हैं। व्हाट्सएप, स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म पर कॉल और नकली दस्तावेज़ों के जरिए वे विश्वास पैदा करते हैं और पीड़ितों को उनके खातों से पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर करते हैं।

सतर्क और जागरूक रहने की सलाह

एसटीएफ ने जनता को ऐसे अपराधों के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की सलाह दी है। एसएसपी नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट एक फर्जीवाड़ा है। सरकारी एजेंसियां व्हाट्सएप या वीडियो कॉल के जरिए कोई कार्रवाई नहीं करतीं। कोई भी संदिग्ध कॉल या मैसेज आए, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। गूगल से कस्टमर केयर नंबर न खोजें और किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें। किसी भी साइबर अपराध की शिकायत के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 या https://www.cybercrime.gov.in पर संपर्क करें।


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