
साथ ही आईएएस संत को नोटिस जारी किया है।


गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि एक आईएएस को राज्य सरकार ने पांच विभागों का कार्यभार दिया है, जिसकी वजह से उनके कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं। उनकी समस्याओं का समाधान भी नहीं हो पा रहा है।
राज्य सरकार ने उन्हें खनन के दो और परिवहन के तीन विभाग सौंपे हैं। संत परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त , चेयरमैन स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) और रोडवेज के वित्तीय सलाहकार भी हैं, जबकि नियमावली यह कहती है कि एसटीए का चेयरमैन वह व्यक्ति होगा, जिसका उसमें उसका कोई हित न हो। इसलिए उनकी जगह किसी अन्य अधिकारी को इस विभाग की जिमेदारी दी जाए, ताकि उनके कार्य समय पर हो सकें।
