
संपादकीय हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स इस तरह उसने अपनी दृढ़ता और समर्पण का ही परिचय दिया। भारतीय टीम ने लगातार अपने अभ्यास और लक्ष्य को साध कर जीत की पटकथा लिखी। आइसीसी चैंपियंस खिताब हासिल करने के लिए हमारे जांबाज खिलाड़ियों ने जिस जोश और लगन के साथ मैदान में प्रदर्शन किया, उस पर हर देशवासी को गर्व है।


गौरतलब है कि इससे पहले भारत इंग्लैंड को हरा कर चैंपियन बना था, उसके बाद वर्ष 2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से खिताब जीता था। इस बार हमारी टीम ने पूरी दुनिया को बता दिया कि वह विश्व चैंपियन है। उसकी रगों में जीत का रंग बहता है। मैदान में पूरे जोश से खेलते हुए उसने अपने करोड़ों प्रशंसकों की आंखों में सपनों के कई रंग भर दिए। खिताब हासिल करने के लिए टीम के सभी खिलाड़ियों के साथ रोहित शर्मा की बल्लेबाजी बेहद महत्त्वपूर्ण रही। बतौर कप्तान उन्होंने गेंदबाजों को आक्रामक बनाए रखते हुए न्यूजीलैंड को घुटने टेकने के लिए बाध्य कर दिया। खास बात यह कि उनके नेतृत्व में टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रही।
अय्यर ने पारी को संभाला
इस अहम खिताब को भारत के नाम करने के लिए श्रेयस अय्यर ने तो ऐसे समय बल्लेबाजी की, जब मैदान से रोहित के बाहर हो जाने से झटका लग चुका था। उनकी वजह से स्थिति संभली और फिर श्रेयस ने अक्षर पटेल के साथ शानदार पारी खेलते हुए भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। दोनों ने इकसठ रन की साझेदारी करते हुए जीत की सुनहरी पटकथा तैयार कर दी।
मध्यम क्रम में केएल राहुल ने अपने चौंतीस रनों से भारत के विजय का परचम लहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस तरह जीत के जज्बे से भरी भारतीय टीम ने अपने प्रशंसकों के लिए होली से पहले ही जश्न मनाने का अवसर दे दिया। फिलहाल भारतीय टीम के बीच जिस स्तर का तालमेल दिख रहा है, वह भविष्य में कामयाबी का एक बड़ा फलक तैयार करने की उम्मीद जगाता है।
