
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने “खोखली”, “अमानवीय” माओवादी विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचारों से निराशा जताई. उन्होंने बताया कि वे राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं. इसका उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाना है. नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति है.


शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
उन्होंने बताया कि माओवादियों के माड़ (छत्तीसगढ़) और नुआपाड़ा (ओडिशा) डिवीजनों में 22 आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सक्रिय हैं. माओवादियों के माड़ डिवीजन के तहत पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर 1 में डिप्टी कमांडर मुचाकी जोगा (33) और उसी दस्ते की सदस्य उसकी पत्नी मुचाकी जोगी (28) शामिल हैं. इन पर 8-8 लाख रुपए का इनाम है. अन्य नक्सलियों में किकिद देवे (30) और मनोज उर्फ दुधी बुधरा (28) शामिल हैं, जो माओवादियों के एरिया कमेटी के सदस्य हैं. इन पर 5-5 लाख रुपए का इनाम है.
