
गुरुवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशे पर नगर निगम हरिद्वार द्वारा सराय गांव में जमीन खरीद मामले में यह सख्त कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, मामले में एक कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं ।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
हरिद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया गंभीर अनियमिततएं मिलीं। गड़बड़ी पाए जाने पर मामले की विस्तृत जांच प्रदेश के गन्ना और चीनी विभाग के सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपी गयी थी। जांच के दौरान पाया गया कि उस जमीन की खरीद के लिए गठित समिति के सदस्य के रूप में हरिद्वार नगर निगम के अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2 (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त) रवीन्द्र कुमार दयाल, सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता) आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भटट और अवर अभियंता दिनेश चन्द्र काण्डपाल ने अपनी जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभाया। इस आरोप में सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है ।
इस मामले में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक वेदपाल की भी मिली भगत पायी गई, जिसके बाद सेवा विस्तार समाप्त करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही हरिद्वार नगर निगम की वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पिछले दिनों सुर्खियों में रहे इस मामले में आरोप लगे थे कि हरिद्वार नगर निगम ने सराय गांव में करीब 38 बीघा जमीन खरीदी। अधिकारियों ने इस जमीन को 52 करोड़ रूपए में खरीदा जो बाजार भाव से कहीं ज्यादा है। इसके बाद अधिकारियों पर आरोप लगा कि उन्होंने कम दाम की जामीन को ज्यादा रुपए देकर खरीदा जिससे सरकारी धन का नुकसान किया। इस मामले में हरिद्वार की नवनियुक्त महापौर किरण जैसल ने भी सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल इसकी जांच के आदेश दिए थे ।
