
एबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में, जब उनसे पूछा गया कि क्या इजरायल खामेनेई को निशाना बनाएगा, तो नेतन्याहू ने कहा, “हम वह कर रहे हैं जो हमें करने की जरूरत है.”


संघर्ष को खत्म करने का दावा
नेतन्याहू ने कहा कि खामेनेई को निशाना बनाना संघर्ष को और नहीं बढ़ाएगा, बल्कि इसे खत्म कर देगा. उन्होंने कहा, “यह संघर्ष को बढ़ाएगा नहीं, यह संघर्ष को समाप्त कर देगा.” उन्होंने ईरान पर “हमेशा के युद्ध” की मंशा का आरोप लगाते हुए कहा, “ईरान हमें परमाणु युद्ध की कगार पर ले जा रहा है. इजरायल इसे रोक रहा है, इस आक्रामकता को खत्म कर रहा है, और हम ऐसा केवल बुराई की ताकतों का मुकाबला करके कर सकते हैं.” नेतन्याहू ने यह भी कहा, “मैं विवरण में नहीं जाऊंगा, लेकिन हमने उनके शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है. यह हिटलर की परमाणु टीम है.”
ट्रंप ने रोकी थी योजना
रॉयटर्स के अनुसार, दो अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई की हत्या की इजरायली योजना को रोक दिया था. एक सूत्र ने कहा, “क्या ईरानियों ने अभी तक किसी अमेरिकी को मारा है? नहीं. जब तक वे ऐसा नहीं करते, हम राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाने की बात भी नहीं कर रहे.” यह बयान ईरान के “इतिहास के सबसे बड़े और तीव्र मिसाइल हमले” की योजना की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया.
ईरान को वैश्विक खतरा
नेतन्याहू ने ईरान को “पूरे विश्व के लिए खतरा” करार दिया और ट्रंप की बुराई के खिलाफ खड़े होने की समझ की सराहना की. उन्होंने कहा, “कभी-कभी आपको बुराई के खिलाफ खड़ा होना पड़ता है. अमेरिकी लोग इसे सहज रूप से समझते हैं. और राष्ट्रपति ट्रंप इसे समझते हैं. हम ऐसा होने नहीं दे सकते.”
संघर्ष का चौथा दिन
सोमवार को इजरायल और ईरान के बीच चौथे दिन भी हमले जारी रहे. ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार से इजरायली हमलों में कम से कम 224 लोग मारे गए और 1,200 से अधिक घायल हुए. वहीं, नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार, ईरानी मिसाइल और ड्रोन हमलों में इजरायल में 24 लोगों की मौत हुई और 592 घायल हुए.
