
इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को एक बार फिर से निशाना बनाया


जबकि युद्ध के आठवें दिन शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को एक बार फिर से निशाना बनाया, जवाब में ईरान ने बीरशेबा शहर को दूसरे दिन भी निशाने पर लिया। बीरशेबा स्थित माइक्रोसाफ्ट कंपनी के कार्यालय के समक्ष हुए हमले में छह लोग घायल हुए हैं।
शुक्रवार को ईरान ने हाइफा पर फिर हमला किया, इस हमले में 17 लोग घायल हुए हैं। जबकि ईरान में इजरायली हमलों के बीच जुमे की नमाज के लिए हजारों लोग घरों से बाहर निकले और उन्होंने एकजुट होकर इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की।
ट्रंप ने ईरान पर हमले के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया है
इजरायल की सेना ने बताया है कि उसने ईरान में सैन्य ठिकानों, मिसाइल बनाने वाले कारखानों, शोध संस्थानों और परमाणु प्रतिष्ठानों पर ताजा हमले किए हैं। शुक्रवार को मध्य तेहरान के एक आवासीय भवन को भी इजरायल द्वारा निशाना बनाए जाने की सूचना है। जबकि व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया है।
वह दो सप्ताह बाद स्थितियों का आकलन कर अंतिम निर्णय लेंगे। इस बीच अमेरिका ईरान के साथ वार्ता की संभावना तलाशेगा और अपनी शर्तों पर समझौते के लिए उसे तैयार करने की कोशिश करेगा।
नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सेना अकेले ही ईरान से निपटने में सक्षम
अमेरिका के इस रुख के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सेना अकेले ही ईरान से निपटने में सक्षम है। जबकि जिनेवा पहुंचे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने साफ किया कि इजरायल के हमलों के बीच उनका देश अमेरिका से बात करने का इच्छुक नहीं है।
अगर परमाणु मसले पर वार्ता फिर से शुरू करनी है तो इजरायल के हमलों को रोकना होगा। ईरान ने यह बात प्रमुख यूरोपीय देशों के समकक्षों से बातचीत में कही है। ये प्रमुख देश 2015 में ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते में शामिल थे और अब ये तनाव कम करके दोनों पक्षों में वार्ता कराना चाहते हैं।
ईरान भी इजरायल पर हमले कर रहा है
अमेरिका इस समझौते से 2018 में बाहर आ गया था। वैसे अरागची की पश्चिम एशिया मामलों के अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकाफ से भी फोन पर बात हो रही है। पश्चिम एशिया का तनाव तब बढ़ा जब 13 जून को इजरायल ने ईरान पर अचानक हवाई हमले शुरू कर दिए। इसके जवाब में ईरान भी इजरायल पर हमले कर रहा है।
ईरान परमाणु हथियार बना रहा है- इजरायल
इजरायल का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है जिससे उसे सबसे ज्यादा खतरा है। इसलिए वह ईरान की परमाणु ताकत और उन्नत मिसाइल बनाने की क्षमता को खत्म करने में जुटा है। जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। वैसे इजरायल के पास भी परमाणु हथियार होने का अनुमान है। इस मान्यता को इजरायल ने न कभी स्वीकार किया और न ही उससे इनकार किया।
इजरायल ने किसी भी देश को विनाश की धमकी नहीं दी: इजरायली राजदूत
इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया भर में परमाणु शक्तियां महत्वपूर्ण सैन्य ताकत रखती हैं, लेकिन वे ईरान जितना खतरा पैदा नहीं करतीं, क्योंकि उनकी नीतियां आक्रामक और चरमपंथी विचारधाराओं से प्रभावित नहीं हैं। उन्होंने ईरान से परमाणु कार्यक्रम छोड़ने की अपील की और कहा कि इजरायल ने किसी भी देश को विनाश की धमकी नहीं दी है।
इजरायल की कार्रवाई को आत्मरक्षा पर आधारित
अजार ने कहा, ‘हमने कहा है कि इजरायल पश्चिम एशिया को परमाणु हथियार से रूबरू कराने वाला पहला देश नहीं होगा। हमें उन देशों से सावधान रहने की जरूरत है, जो कट्टरपंथी विचारधाराओं पर चलते हैं।’ उन्होंने इजरायल की कार्रवाई को आत्मरक्षा पर आधारित बताया है। अजार ने यह जोर देकर कहा कि तेल अवीज के पास इस बात के ठोस साक्ष्य हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायली सुरक्षा के लिए तत्काल खतरा है।
