संपादकीय ;भयमुक्त और नशामुक्त उत्तराखंड की ओर… SSP मणिकांत मिश्रा और DGP दीपम सेठ के नेतृत्व में पुलिस की सशक्त मुहिम

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रुद्रपुर,उत्तराखंड में अपराध और असामाजिक गतिविधियों के विरुद्ध जिस दृढ़ता और संकल्प के साथ कानून का डंडा चलाया जा रहा है, वह न केवल अपराधियों के दिलों में खौफ पैदा कर रहा है, बल्कि आम जनता में सुरक्षा और विश्वास का संचार भी कर रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) मणिकांत मिश्रा और पुलिस महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ के नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब अपराध और अपराधियों के लिए इस देवभूमि में कोई जगह नहीं है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

उधम सिंह नगर पुलिस की हालिया कार्रवाइयां इसकी बेमिसाल मिसाल हैं। 29.5 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का पर्दाफाश, हत्या समेत दो दर्जन अपराधों का हिस्ट्रीशीटर रामकुमार उर्फ चेयरमैन की गिरफ्तारी, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी की बिहार से धरपकड़, और चोरी की योजना बना रहे गिरोह पर शिकंजा — यह सब SSP मणिकांत मिश्रा की सख्त निगरानी और कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। टेक्निकल और मैनुअल पुलिसिंग का बेहतरीन तालमेल, देशभर में छापेमारी और अपराधियों की गर्लफ्रेंड के जरिए सटीक सूचना निकालकर गिरफ्तारी — यह सब दिखाता है कि पुलिस अब सिर्फ गश्त तक सीमित नहीं, बल्कि अपराध के हर पहलू पर पैनी नजर रख रही है।उधर, DGP दीपम सेठ द्वारा कांवड़ मेला 2025 को लेकर उच्चस्तरीय तैयारियां भी काबिल-ए-तारीफ हैं। ड्रोन, CCTV, बॉडी वॉर्न कैमरों, QRT टीमें, ATS और बम डिस्पोजल यूनिट की तैनाती जैसे कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि धार्मिक आस्था के इस पर्व में कोई खलल न पड़े। यातायात, सुरक्षा और जनसुविधाओं के लिए विस्तृत योजनाएं बताती हैं कि उत्तराखंड पुलिस सिर्फ अपराध रोकने में ही नहीं, बल्कि जनसेवा और समन्वय में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

इसी क्रम में, SSP मणिकांत मिश्रा द्वारा चलाया गया नशामुक्त भारत पखवाड़ा अभियान समाज में सकारात्मक बदलाव की बयार लेकर आया है। रैलियों, जनजागरूकता, दुकानदारों को चेतावनी और MANAS हेल्पलाइन जैसी पहलें यह संदेश देती हैं कि नशे के जाल में फंसे युवाओं को बचाना सिर्फ पुलिस का नहीं, पूरे समाज का कर्तव्य है। यह अभियान निश्चित ही भयमुक्त और नशामुक्त उत्तराखंड के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।

महिला अपराधों को लेकर SSP मिश्रा की संवेदनशीलता भी उल्लेखनीय है। नाबालिगों के मामलों में त्वरित कार्रवाई, थानों को कड़े निर्देश और अपराधियों की धरपकड़ यह दिखाता है कि उत्तराखंड पुलिस महिला सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।

पुलिस लाइन रुद्रपुर में आयोजित शुक्रवार परेड ने न केवल पुलिसकर्मियों की शारीरिक दक्षता को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि एक अनुशासित, चुस्त-दुरुस्त पुलिस बल ही समाज का असली प्रहरी होता है। SSP मिश्रा का पुलिस लाइन का निरीक्षण और सुविधाओं को सुधारने का निर्देश यह साबित करता है कि वह सिर्फ अपराधियों को ही नहीं, अपने बल के मनोबल और कल्याण को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।

उत्तराखंड पुलिस सतर्कता, तकनीक और सेवा भावना से भयमुक्त और नशामुक्त उत्तराखंड के सपने को साकार करने में जुटी है। अपराधियों को यह चेतावनी है कि चाहे वे किसी कोने में छिप जाएं — कानून की आंखें अब और तेज हो चुकी हैं। और नशे के सौदागरों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि इस देवभूमि में उनके लिए कोई जगह नहीं बची।

उत्तराखंड को सुरक्षित, शांत और नशामुक्त बनाना केवल पुलिस का नहीं, बल्कि हम सबका दायित्व है। आइए, पुलिस के इस संकल्प में सहभागी बनें और इस पर्वतीय प्रदेश को भयमुक्त और स्वच्छ भविष्य की ओर बढ़ाएं।



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