अब नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के सहारे ही बीजेपी सत्ता में रह सकती है.
बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं. सरकार बनाने के लिए 272 के आँकड़े चाहिए. एनडीए गठबंधन के खाते में क़रीब 292 सीटें आई हैं और विपक्षी इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिली हैं.
इंडिया गठबंधन के सूत्रधार रहे जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीती जनवरी में ही पाला बदल लिया था और एनडीए में शामिल हो गए थे. बिहार में एनडीए के साथ सरकार बनाई और लोकसभा चुनाव भी इसी गठबंधन से लड़ा था.
जेडीयू ने उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन करते हुए बिहार में 12 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी के भी खाते में 12 सीटें आईं. एलजेपी (राम विलास) को पांच और जीतनराम मांजी की पार्टी को एक सीट मिली. यानी एनडीए को कुल 30 सीटें मिलीं. एक सीट निर्दलीय पप्पू यादव को पूर्णिया में जीत हासिल हुई है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी को 16 सीटें मिली हैं. यहां आम चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे, जिसमें टीडीपी ने 175 सदस्यों वाली विधानसभा में 135 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया है. टीडीपी भी एनडीए में शामिल है.
दिलचस्प ये है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों ही कुछ समय पहले तक केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए थे और इसीलिए अब एनडीए गठबंधन में उनकी हैसियत बहुत अहम किरदार वाली हो गई है.
सरकार बनाने के लिए मोदी और बीजेपी के सामने अब इन पुराने सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने की ज़रूरत पड़ेगी.