
इस स्थान पर बाबा बौख नाग का मंदिर था। जिसको प्रोजेक्ट के कारण हटाया गया। जिस कारण बाबा बौख नाथ नाराज हो गए और ये हादसा हुआ। आइए जानते हैं बाबा बौख नागा कौन हैं।


कौन हैं बाबा बौख नाग


उत्तराखंड के उत्तरकाशी के नौगांव में बाबा बौख नाग देवता का मंदिर है। ये मंदिर पहाड़ों के बीचों- बीच स्थित है। हर साल इस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, जो नवविवाहित और निःसंतान लोग सच्चे मन से और नंगे पैर इस त्योहार में भाग लेते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है। स्थानीय लोगों के पता चलता है कि यहां पर बाबा बौखनाग की उत्पति नाग के रूप में हुई है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण टिहरी जिले में सेम-मुखेम से पहले यहां आए थे और इसलिए हर वर्ष सेम-मुखेम और बौखनाग में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। बौखनाग में रात्रि जागरण जारी रहता है। राडी कफनौल राजमार्ग के पास 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, बुखनाग तक पहुंचने के लिए चार किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। आइए जानते हैं मंदिर हटाने से क्यों आई मुसीबत।
बौखनाग मंदिर हटाने से आई मुसीबत
Hindustan Global times Avtar Singh Bisht Rudrapur Uttrakhand
यह सच है कि मंदिर हटने के बाद से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। शुरुआत में दिवाली के दिन मजदूर एक सुरंग में फंस गए थे। जब उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की, तो भूस्खलन से उनका काम बाधित हो गया और बरमा भी ख़राब हो गया। जब सभी प्रयास विफल हो गए, तो निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने बौखनाग देवता से माफी मांगी । ग्रामीणों के कहने पर दूबारा से बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित किया गया। मंदिर स्थापित होने के बाद से सारे मजदूर सुरक्षित हैं।
