उत्तराखंड में आगामी 10 जुलाई को होने वाले विधानसभा की दो सीटों बद्रीनाथ और मंगलौर के उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांगेस की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपनी राजनीतिक गोटियां अभी से फिट करनी शुरू कर दी हैं।

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[26/06, 8:31 am] Avtar Singh Bisht,Hindustan Global Times: हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर,

हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के शरबत करीम अंसारी विधानसभा चुनाव जीते थे। उनके निधन के कारण सीट रिक्त हुई है।

अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार काजी निजामुद्दीन को 600 वोटों से हराया था। मुसलिम बहुल इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में काजी निजामुद्दीन फिर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। निजामुद्दीन कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। वहीं बसपा ने दिवंगत विधायक शरबत करीम अंसारी के बेटे उबैदुर रहमान अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है, ताकि वे अपने पिता की मृत्यु से उपजी सहानुभूति प्राप्त कर सकें। इस बार लोकसभा के चुनाव में मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लोकसभा के उम्मीदवार ने भाजपा और बसपा उम्मीदवार से ज्यादा वोट हासिल किए थे। इस विधानसभा सीट पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीती है। बसपा और कांग्रेस ही इस सीट पर चुनाव जीतते आए हैं। भाजपा ने इस बार हरियाणा के रहने वाले करतार सिंह भड़ाना को चुनाव मैदान में उतारा हैं। इस कारण मंगलौर विधानसभा चुनाव मंहगा हो गया हैं। भाजपा ने मंगलौर विधानसभा सीट का मुख्य चुनाव संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद को बनाया है। स्वामी ने दावा किया है कि भाजपा मंगलौैर विधानसभा सीट जीतकर इस बार नया इतिहास रचेगी। मंगलौर विधानसभा सीट पर सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।

वहीं, उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को चुनाव मैदान में उतारा हैं, जबकि कांग्रेस ने लखपत सिंह बुटोला को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर कुल पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार राजेन्द्र भंडारी 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे, उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को चुनाव हराया था। महेन्द्र भट्ट को राज्यसभा का सदस्य बनाए जाने के बाद इस बार लोकसभा चुनाव से पहले राजेन्द्र भंडारी कांग्रेस और विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनकी पत्नी भी नगर पालिका अध्यक्ष हैं।

भंडारी का अपना व्यक्तिगत दबदबा बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर है। भंडारी के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने से करारा झटका लगा था। भंडारी कांग्रेस के स्तम्भ माने जाते थे। उन्हें भाजपा में शामिल करवाने में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुख्य भूमिका थी। भंडारी के चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट पौड़ी गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी सहित भाजपा के कई कैबिनेट मंत्री जुटेंगे। वहीं कांग्रेस के लिए मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर प्रचार करने के लिए सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, हरियाणा के सोनीपत से कांग्रेस सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह जैसे नेता मोर्चा संभालेंगे।


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