
भूमिका: रजत जयंती वर्ष में आत्ममंथन का समय
- उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ: उत्सव या आत्मावलोकन?
- देवभूमि की तपोभूमि से उठी थी एक क्रांति, क्या यह उसका परिणाम है?
- मुख्यमंत्री धामी का आत्मविश्वास बनाम डॉ. गणेश उपाध्याय का कटाक्ष
शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025 — उत्तराखंड का स्थान कहां है?


- न्याय प्रणाली, पुलिस, जेल प्रबंधन और न्यायिक ढांचे पर रिपोर्ट की रैंकिंग
- उत्तराखंड का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में
- महिला सुरक्षा, पुलिस जवाबदेही और सामाजिक न्याय पर आंकड़े
देवभूमि में न्याय व्यवस्था की वास्तविकता
- लोकायुक्त का अभाव, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की सुस्ती
- न्यायालयों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या
- वकीलों की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहुंच
क्या उत्तराखंड अब्बल प्रदेश बन रहा है?
- मुख्यमंत्री धामी के दावे और घोषणाएं
- जमीनी हकीकत: रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पलायन की चुनौतियाँ
- सरकारी योजनाओं का भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ना: पीएम आवास, आयुष्मान कार्ड, सड़क निर्माण
शहीदों का सपना या नौकरशाही का तमाशा?
- राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की उपेक्षा
- पेंशन, सम्मान, सुविधाओं की जगह फाइलों में उलझे हुए दावे
- “राज्य के लिए जान दी, अब पहचान भी छीन ली गई”
डॉ. गणेश उपाध्याय का तीखा प्रहार
- “मुख्यमंत्री जी, तपस्वियों की भूमि में न्याय का सूखा क्यों?”
- भारत सरकार के प्रशंसा पत्रों से पेट नहीं भरता, जनता को परिणाम चाहिए
- अंतरात्मा की आवाज और उत्तराखंड की आत्मा की पुकार
प्रधानमंत्री की तपोभूमि में कैसी तपस्या?
- मोदी जी का केदारनाथ में ध्यान और उत्तराखंड की जनता की पीड़ा
- दिखावटी विकास बनाम मूलभूत समस्याएं
- असमानता, गहरी होती आर्थिक खाई और युवाओं की बेरोजगारी
क्या वाकई उत्तराखंड मॉडल है?
- मीडिया मैनेजमेंट बनाम जमीनी हकीकत
- PR इमेज या असल में पारदर्शिता?
- विपक्ष की आवाज को “विकास विरोधी” कहना कितना सही?
उत्तराखंड को पहला स्थान चाहिए या पहली ईमानदारी?
- इंडिया जस्टिस रिपोर्ट केवल दस्तावेज़ नहीं, जनता की आवाज़ है
- डॉ. गणेश उपाध्याय की चुनौती: “मुख्यमंत्री जी, रिपोर्ट पढ़िए, मनन करिए”
- 25 साल बाद भी राज्य अपने वादों के साथ न्याय नहीं कर पाया, यह दुर्भाग्य है
