उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने महिलाओं को बड़ी खुशखबरी दी है। धामी सरकार ने महिलाओं को अब दो बालक के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट देगी। कैबिनेट बैठक में इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है।

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शासन ने कैबिनेट के फैसले पर एक्शन लेते हुए शासनादेश जारी कर दिया है। महिलाओं को अब बालक के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट दी जाएगी।

Hindustan Global Times: प्रिंट न्यूज़,
शैल ग्लोबल टाइम्स, अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड, (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)

अगर किसी महिला को दो बालक होता है, तो भी उसे महालक्ष्मी किट दी जाएगी। प्रथम दो प्रसव पर उन्हें यह किट दी जाएगी। दो बच्चे चाहे बेटी हो या बेटी, पहले दो बेटी ही या पहले दो बेटे ही, तो भी महालक्ष्मी किट दी जाएगी। इसका अर्थ सीधा ये हुआ के पहले दो बच्चे पर महालक्ष्मी किट दी जाएगी।

इससे पहले पहली दो बेटी के जन्म पर ही यह किट दी जाती थी। अगर किसी महिला को पहली बार में बेटी और दूसरी बार में भी बेटी होती है तो उन्हें महालक्ष्मी किट दी जाती थी। लेकिन अब धामी सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। अब किसी भी दो बच्चे (दो प्रसव) के जन्म पर यह किट दी जाएगी।

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गर्भवती महिलाओं को सहयोग देने और बेटी के जन्म को सकारात्मक बनाने के लिए सरकार ने महालक्ष्मी किट योजना शुरू की थी। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के जैसे ही महालक्ष्मी किट और नंदा गौरा योजना लिंग अनुपात को बेटियों और महिलाओं के हित में करने की कोशिश है।

बताया जा रहा है कि महालक्ष्मी किट में माताओं के लिए 250 ग्राम बादाम गिरी, अखरोट, सूखे खुमानी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब, स्कार्फ, दो तौलिये, शाल, कंबल, बेडशीट, दो पैकेट सैनेटरी नेपकिन, 500 ग्राम सरसों तेल, साबुन, नेलकटर आदि सामग्री शामिल है। बालिकाओं की किट में दो जोड़ी सूती व गर्म कपड़े, टोपी, मौजे, 12 लंगोट, तौलिया, बेबी सोप, रबर शीट, गर्म कंबल, टीकाकरण कार्ड, पोषाहार कार्ड आदि होता हैं।

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मुख्यमंत्री की ओर से विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में डॉ. दिनेश कुमार असवाल,चित्रकला के क्षेत्र में प्रो.शेखर चंद्र जोशी और पर्यावरण के क्षेत्र में सचिदानंद भारती को “हिमगिरि गौरव सम्मान-2024” और हिमगिरि के संस्थापक सदस्य दिनेश कुमार पांडे को तेल एवं गैस अन्वेषण के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिये लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। ऐसे आयोजन हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने तथा सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करते हैं। इससे हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच उपलब्ध होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। संगठन चाहे वह सामाजिक, साहित्यिक हो या सांस्कृतिक उसमें बड़ी शक्ति होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है। श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ‘विकल्प रहित संकल्प’ को प्राप्त करने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे। मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हमारे ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हम सब आपसी सहयोग से राज्य के विकास में अपना योगदान देंगे।


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