स्टेम सेल तकनीक से पशुओं के फ्रैक्चर का सफल उपचार, शोध को मिला राष्ट्रीय सम्मान
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
डा. ज्योत्सना भट्ट
पंतनगर। अब पशुओं की हड्डी टूटने (फ्रैक्चर) पर स्टेम सेल तकनीक के जरिए उनका इलाज संभव होगा, जिससे वे पहले से कहीं अधिक तेजी से स्वस्थ हो सकेंगे। पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विवि एवं गो अनुसंधान संस्थान (डीवीवीएएसयू), मथुरा की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. ज्योत्सना भट्ट ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, पंतनगर से किए गए अपने शोध में यह महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाला है।
उन्होंने न्यूजीलैंड नस्ल के सफेद खरगोशों पर यह प्रयोग सफलतापूर्वक किया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि स्टेम सेल तकनीक से पशुओं की टूटी हड्डियों को तेजी से जोड़ा जा सकता है। उनके इस अभूतपूर्व शोध को अखिल भारतीय वेटेनरी संघ ने ‘बेस्ट वुमेन अवार्ड’ के लिए चुना है।
क्या है स्टेम सेल तकनीक?
स्टेम सेल शरीर की ऐसी विशिष्ट कोशिकाएं होती हैं, जिनमें किसी भी अंग के पुनर्निर्माण और मरम्मत की क्षमता होती है। यह कोशिकाएं किसी भी अन्य प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती हैं। पशु के शरीर से ऊतक लेकर प्रयोगशाला में इनसे स्टेम सेल को अलग किया जाता है और फिर प्रभावित अंग में प्रत्यारोपित किया जाता है।
तेजी से होगा पशुओं का उपचार
अब तक पशुओं के फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए पारंपरिक सर्जरी और प्लास्टर का ही सहारा लिया जाता था, जिससे ठीक होने में अधिक समय लगता था। स्टेम सेल तकनीक से न केवल उपचार की गति बढ़ेगी बल्कि यह उन मामलों में भी कारगर साबित होगी, जहां सिर्फ प्लास्टर या पिनिंग (प्लेटिंग) से सुधार संभव नहीं था।


इससे पहले स्टेम सेल तकनीक का उपयोग मानव सर्जरी में किया जाता था, लेकिन पशु चिकित्सा में इसका कम इस्तेमाल हुआ था। अब इस नई उपलब्धि से पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने की संभावना है। स्टेम सेल थेरेपी की मदद से पशुओं के घाव, आंखों के अल्सर और लिवर की बीमारियों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है।
भविष्य के लिए आशाजनक तकनीक
डा. ज्योत्सना भट्ट के इस शोध से पशु चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी। यह तकनीक गंभीर चोटों और हड्डी संबंधी जटिलताओं के इलाज में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। पशुपालकों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी क्योंकि उनके मवेशी कम समय में स्वस्थ हो सकेंगे।
यह खोज भविष्य में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।
रूद्रपुर आवास विकास निवासी माता पिता श्रीमती गीता भट्ट श्री दिनेश चंद्र भट्ट
बेटी की सफलता पर गर्व: डॉ. ज्योत्सना भट्ट को मिला राष्ट्रीय सम्मान
परिवार और विशेषज्ञों एवं क्षेत्र वासियों ने दी शुभकामनाएं
बेटी की इस सफलता पर माता-पिता बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपलब्धि पशु चिकित्सा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी। डॉ. ज्योत्सना की इस कामयाबी से अन्य शोधकर्ताओं को भी प्रेरणा मिलेगी।
उनकी इस सफलता पर पूरे परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
बेटी की इस उपलब्धि से परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

