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रूद्रपुर, 13 मई,2024/ पेयजल संकट एवं दैवीय आपदा बाढ़ से निपटने के लिए अमल शुरू। सोमवार को जिलाधिकारी उदयराज सिंह की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में आपदा न्यूनीकरण कार्य की स्वीकृति हेतु उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई, जिसमें जनपद में 257.88 लाख की 34 बाढ़ आपदा न्यूनीकरण कार्यों को स्वीकृति दी गयी।गत दिनों सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा काशीपुर में पेयजल एवं आपदा संबंधी बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बाढ़ आपदा न्यूनीकरण कार्य के प्रस्ताव आगणनों की जांच एवं स्वीकृति हेतु बैठक हुई, जिसमें सिंचाई विभाग के तीनों खण्डों द्वारा आपदा न्यूनीकरण कार्योे के कुल 56 आगणन प्रस्ताव प्रस्तुत किए गये। समिति द्वारा प्रस्तुत आगणन प्रस्तावों की जांच कर प्राथमिकता एवं आवश्यकताओं के मद्देनजर 34 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी। सिंचाई खण्ड रूद्रपुर के 15 में से 9 प्रस्ताव धनराशि 71.60 लाख, सिंचाई खण्ड काशीपुर के 20 प्रस्ताव में से 10 प्रस्ताव धनराशि 85.28 व सिंचाई खण्ड सितारगंज के 21 आपदा न्यूनीकरण प्रस्ताव में से 15 प्रस्ताव धनराशि 01 करोड़ की स्वीकृति दी गयी।जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंताओं को आपदा न्यूनीकरण हेतु स्वीकृत सभी कार्यों के एक सप्ताह कंे भीतर टेंडर लगाकर कार्य प्रारंभ कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि आपदा न्यूनीकरण हेतु नदी-नालों की जो डिसिल्टिंग करायी जायेगी, उस सिल्ट की तुरंत नीलामी कराने के निर्देश भी संबंधित उपजिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने तहसील सितारगंज में स्थित अरविन्द नगर एवं झाड़ी गाँव में जलभराव के निदान हेतु वन देवी मन्दिर से ग्राम गोठा तक सूखी/बैगुल नदी के जलप्रवाह का डायवर्जन कार्य हेतु 96.63 लाख की स्वीकृति देते हुए 10 लाख की धनराशि की सैद्धांतिक स्वीकृति दी साथ ही शेष धनराशि की मांग हेतु विभागाध्यक्ष सिंचाई, सचिव सिंचाई व सचिव आपदा को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, मुख्य कोषाधिकारी डॉ0 पंकज कुमार शुक्ल, प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा गौरव पांडेय, अधीक्षण अभियंता सिंचाई पी.के. दीक्षित, लो.नि.वि. हरीश कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई ए.एस. नेगी, पी.सी. पाण्डे, दीक्षांत गुप्ता, पेयजल निगम ज्योति पालनी, डीडीएमओ उमा शंकर नेगी आदि मौजूद थे।
- Avtar Singh Bisht
- May 13, 2024
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सातूआठू हिलजात्रा महोत्सव हिरन चितल/ गॉल_ बल्द / मां महाकाली/लोक पौराणिक खेल।
पैत्रिक जन्म स्थान खतेडा सतगढ़(पिथौरागढ़)
सातू आठू महोत्सव 2023बिरुड़ पंचमी ,
कुमाऊं में सातू-आठू यानि गौरा पर्व मनाया जाता है। शिव-पार्वती की उपासना का ये पर्व ख़ासतौर से महिलाएं करती हैं। पिथौरागढ़ में इसे अलग ही अंदाज में मनाने की परम्परा है।
इस परंपरा की शुरुआत करी जाती है बीरूड़ (पांच प्रकार का अनाज) भीगा कर। भाद्र माह के पंचमी को बीरूड़ भिगाये जाते है, बिरुड़े का अर्थ उन पांच या सात तरह के भीगे हुए अंकुरित अनाज से है। बिरुड़ पंचमी के दिन एक साफ तांबे के बर्तन में पांच या सात तरह के अनाज को मंदिर के पास भिगोकर रखा जाता है. भिगोये जाने वाले अनाज मक्का, गेहूं, गहत , ग्रूस(गुरुस), चना, मटर और कलों हैं, तांबे या पीतल के बर्तन को साफ़ कर उसमें धारे अथवा नौले का शुद्ध पानी भरा जाता है. बर्तन के चारों ओर नौ या ग्यारह छोटी-छोटी आकृतियां बनाई जाती हैं ये आकृतियां गोबर से बनती हैं, गोबर से बनी इन आकृति में दूब डोबी जाती है।
सातू-आठू पर्व भाद्र महीने की पंचमी से शुरू होता है और पूरे हफ्ते भर चलता है…. महिलाएं इस पर्व में शिव-पार्वती के जीवन पर आधारित लोक गीतों पर नाचती-गाती और खेल लगाती हैं….पिथौरागढ़ में सातू-आठू और पश्चिम नेपाल में गौरा-महेश्वर के रूप में ये पर्व मनाया जाता है… इस पर्व में शिव-पार्वती की जीवन लीला का प्रदर्शन करते है…और कहते हैं कि जब पार्वती भगवान शिव से नाराज होकर मायके आतीं हैं तो शिवजी उन्हें वापस लेने धरती पर आते है… घर वापसी के इसी मौके को यहां गौरा देवी के विदाई के रूप में मनाया जाता है। स्थानीय लोग इसे प्रकृति से जुड़ा पर्व भी मानते हैं।
- Avtar Singh Bisht
- August 27, 2023
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फिर रूद्रपुर पहुंची आयकर विभाग की टीम,मचा हड़कम्प
- Avtar Singh Bisht
- July 18, 2024
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