इस जीत के बाद अब पार्टी उत्साह और नई ऊर्जा के साथ प्रत्याशी चयन और अन्य तैयारियों में जुटेगी। भाजपा संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि केदारनाथ में मिली जीत से पार्टी को निकाय चुनावों में कांग्रेस की चुनौती से पार पाने में मदद मिलेगी।


हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश शुरू
भाजपा नगर निगम और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष के लिए जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर चुकी है। पार्टी की नजर निकायों में आरक्षण पर भी है ताकि उसी के अनुसार प्रत्याशियों का चुनाव किया जा सके। सूत्रों के अनुसार इसके लिए अंदरखाने सर्वे भी शुरू कर दिया गया है ताकि प्रत्येक निकाय में जिताऊ प्रत्याशियों का चयन किया जा सके। इसके लिए जल्दी ही पर्यवेक्षक और सर्वे आदि का काम भी शुरू किया जा रहा है।
अन्य दलों से आए दावेदारों का दबाव कम होगा
लोकसभा चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें से कई ऐसे चेहरे हैं जो नगर निगम और नगर पालिका अध्यक्ष के प्रबल दावेदार हैं। केदारनाथ उपचुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खराब होता तो ऐसे नेताओं को संभालना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती थी। लेकिन केदारनाथ में मिली जीत से संगठन के लिए कड़े फैसले लेना आसान होगा। ऐसे में अन्य दलों से आए नेताओं का दबाव कम होने की आशंका है।
निकाय चुनाव से पहले भाजपा को मिली नई ऊर्जा
केदारनाथ उपचुनाव में मिली जीत से निश्चित रूप से पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ा हुआ है। इसका असर निकाय चुनावों पर पड़ेगा और हम सभी निकायों में जीत हासिल करेंगे। केदारनाथ में मिली जीत से पार्टी संगठन और प्रत्येक सदस्य नई ऊर्जा से लबरेज हुआ है। -आदित्य कोठारी, प्रदेश महामंत्री भाजपा
कांग्रेस के सामने अब निकाय चुनाव की चुनौती
केदारनाथ उप चुनाव में हैट्रिक बनाने से चूकी कांग्रेस के सामने अब निकाय चुनाव की पहली चुनौती है। बदरीनाथ और मंगलौर में जीत के बाद केदारनाथ में मिली हार से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। जिसे वापस पाने को पार्टी को अब नए सिरे से जुटना होगा। वर्ष 2018 में हुए निकाय चुनाव में भी पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।
तब कांग्रेस 11 नगर निगमों से मात्र दो में ही अपना मेयर बैठा पाई थी। 45 नगर पालिकाओं से 18 पालिका अध्यक्ष और 46 नगर पंचायतों में से 22 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे। पार्टी सूत्रों की मानें तो केदारनाथ उपचुनाव में मनोज रावत को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और गणेश गोदियाल ने पार्टी हाईकमान के सामने विशेष पैरवी की थी, माहरा की पहली पसंद हरक सिंह बताए जा रहे थे।
कांग्रेस के सामने अब निकाय चुनाव की चुनौती
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निकाय चुनाव को लेकर पूर्व में जारी जिला प्रभारियों की सूची में संशोधन किया है। देहरादून जिले में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद की जगह अब यह जिम्मेदारी पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को दी गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की ओर से संशोधित सूची जारी की गई है।
संशोधित सूची के तहत पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को देहरादून जिले का प्रभार सौंपा गया है। वहीं पूर्व सचिव एआईसीसी प्रकाश जोशी को हरिद्वार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को उत्तरकाशी, विधायक मदन बिष्ट को चमोली, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को टिहरी, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को रुद्रप्रयाग, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला को पौड़ी और महामंत्री भगीरथ भट्ट को पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल को चंपावत, विधायक हरीश धामी को अल्मोड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल को बोगेश्वर, पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल को नैनीताल और पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत को ऊधमसिंह नगर के जिला प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अध्यक्ष करन माहरा ने बताया कि सूची में कुछ संशोधन किए गए हैं। वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा ने असमर्थता जाहिर की थी, इसलिए उनसे प्रभार वापस लिया गया है।
कार्यकर्ता हार से निराश जरूर हैं, लेकिन उसका मनोबल नहीं टूटा है। हम नए सिरे से मैदान में उतरेंगे। निकाय चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारी पूरी है।
करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस

