
रुद्रपुर उधम सिंह नगर/लखनऊ — उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हालिया प्रदर्शन के दौरान योगी सरकार द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में समर्थन की लहर दौड़ गई है। यह घटनाक्रम उत्तराखंड राज्य आंदोलन के उन काले पन्नों की याद दिलाता है, जब शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे उत्तराखंडवासियों पर समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार ने निर्मम गोलीबारी कराई थी।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता]
खटीमा, मसूरी, मुजफ्फरनगर, श्री यंत्र टापू, नैनीताल और देहरादून जैसे स्थानों पर आंदोलनरत निहत्थे लोगों पर की गई बर्बरता को आज भी उत्तराखंडवासी नहीं भूले हैं। राज्य की मांग कर रहे निर्दोष आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाकर जिस तरह से उस आंदोलन को दबाने का प्रयास किया गया था, वह आज भी दिल दहला देता है।
अब जब समाजवादी पार्टी खुद आंदोलनों के माध्यम से अपनी बात रखने का प्रयास कर रही है, और योगी सरकार द्वारा उन्हें बल प्रयोग का सामना करना पड़ा है, तब उत्तराखंडवासी इसे एक ऐतिहासिक न्याय के रूप में देख रहे हैं।
उत्तराखंड के विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है और कहा है कि यह पार्टी जो कभी रामभक्तों और उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर गोलियां चलवाती थी, आज जब खुद पर बल का प्रयोग हुआ तो उसके असली चरित्र का खुलासा हुआ।
पर्वतीय समाज में यह संदेश तेजी से फैल रहा है कि जो पार्टी कभी धार्मिक आस्था और क्षेत्रीय अस्मिता के विरुद्ध खड़ी थी, उसका विरोध आज भी जरूरी है। कई लोगों ने इसे ‘पर्वतीय चेतना’ के जागरण का क्षण बताया है और मांग की है कि उत्तराखंड में ऐसे तत्वों को सामाजिक और राजनीतिक रूप से बहिष्कृत किया जाना चाहिए।
