


हालांकि, लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले अजय भट्ट और त्रिवेंद्र रावत भी मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। नवनिर्वाचित सांसद बलूनी भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं। एक दशक से ज्यादा समय से वे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में अहम पदों पर रहे हैं।


इस वजह से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबियों में गिने जाते हैं। राज्यसभा सांसद के रूप में बलूनी, उत्तराखंड को कई सौगातें दिला चुके हैं। भाजपा हाईकमान ने गढ़वाल के निवर्तमान सांसद तीरथ रावत का टिकट काटकर इस बार बलूनी को टिकट दिया था।
चूंकि बलूनी का टिकट, चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद तय हुआ था, ऐसे में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए वक्त भी कम मिला। इसके बावजूद अपने मजबूत चुनाव प्रबंधन के बूते बलूनी बड़ी जीत के साथ संसद तक का सफर तय करने में सफल रहे।
दीगर है कि आम चुनाव के लिए प्रदेश में प्रचार के दौरान अपनी जनसभाओं में केंद्रीय मंत्री अमित शाह व राजनाथ सिंह ने बलूनी के निर्वाचित होने पर उनका ओहदा बढ़ाने के संकेत दिए थे। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार मोदी मंत्रिमंडल में गढ़वाल क्षेत्र को जगह मिल सकती है।
भट्ट की जीत का भी दबाव
नैनीताल सीट से अजय भट्ट ने इस चुनाव में भी प्रचंड जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में भट्ट ने 3,39,096 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस दफा भी वे 3,34,548 मतों से आगे रहे। इससे वे भी मंत्रिमंडल के प्रबल दावेदारों में शुमार हैं।
त्रिवेंद्र भी दौड़ में शामिल
हरिद्वार से नवनिर्वाचित सांसद त्रिवेंद्र रावत भी केंद्रीय मंत्री पद की दौड़ में हैं। भाजपा हाईकमान ने इस दफा डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काट उन पर भरोसा जताया था। त्रिवेंद्र कसौटी पर खरे उतरे व 1,64,056 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
