
भारत की ब्रह्मोस, एस-400 और आकाश मिसाइल का भारत कोई तोड़ नहीं ढूंढ पाया. डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, इस अभियान में सबसे अहम भूमिका भारतीय वायुसेना की रही. अगर भारतीय सेना के तीन महाबली भी पाकिस्तान की जमीन पर आग बरसाने लग जाते तो उसकी सारी हेकड़ी और अकड़ भी ठीक वैसे ही सूख जाती, जैसे कि पाकिस्तान का पानी सूखा है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
आइए आज आपको भारतीय सेना के उन 3 महाबली के नाम और ताकत के बारे में विस्तार से बताते हैं. जिससे पाकिस्तान बहुत भय खाता है. इनमें सबसे पहला नाम है- K-9 वज्र होवित्जर तोप. यह इंडियन आर्मी का शक्तिशाली सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर है. जो भारतीय सेना की फायर पावर को घातक बना देता है.
पाकिस्तान का काल K-9 वज्र
K-9 वज्र 155mm 52 कैलिबर गन है. इसका वजन 47 टन के करीब है. इतने वजन के साथ 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इसकी मारक क्षमता भी जबरदस्त है. अलग-अलग तरह के ये एम्युनेशन 28 से 38 किलोमीटर तक गोली बरसा सकता है. K-9 वज्र तोप हर 30 सेकंड में 3 राउंड फायर कर सकती है. ये तोप अगर पाकिस्तान की तरफ मुंह करके खड़ा भी हो गया तो मुनीर की भगोड़ी फौज को भागने का रास्ता भी नहीं मिलेगा.
T-90 भीष्म से थर्राते हैं पाक-चीन
चीन की बौनी बटालियन को लद्दाख का पठारी इलाके में जिस विध्वंसक की दहाड़ से सबसे ज्यादा थर्राया वो था T-90 भीष्म टैंक. हिंदुस्तान के इस लड़ाके की गरज और धमक ऐसी है कि ये पाकिस्तान का नक्शा बदलने की ताकत रखता है.
सबसे बड़ा विध्वसंक ‘भीष्म’
भीष्म में 125 मिलीमीटर की स्मूथबोर गन लगी है. इसके अलावा 7.62 मिलीमीटर की मशीन गन भी है. भीष्म टैंक एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की ताकत रखता है. भीष्म 4 किलोमीटर की रेंज तक निशाना साध सकता है. इस टैंक से हवा में भी मार किया जा सकता है
रॉकेट और मिसाइल भी इसका कुछ बिगाड़ नहीं सकती. 5 मीटर गहरे पानी को भी आसानी से पार कर सकता है. भीष्म टैंक के कवच को भेदना नामुमकिन है. लद्दाख में गरजने वाले टैंक भीष्म की इन्हीं खासियतों ने चीन तक की नींद उड़ा दी थी. तो सोचिये पाकिस्तान की क्या हैसियत है.
दुश्मन का डेथ वॉरंट लेकर चलता है अर्जुन
LoC पर पाकिस्तान के खौफ की एक और वजह है और वह है अर्जुन टैंक. सटीक निशाना और अभेद्य कवच लेकर युद्धक्षेत्र में चलने वाला ये शूरवीर दुश्मन का डेथ वॉरंट लेकर चलता है. इंडियन आर्मी के अर्जुन टैंक की खूबियां ऐसी हैं, जिसे जानने के बाद मुनीर के लड़के दुआ करते हैं कि इससे सामना ना हो.
‘अर्जुन’ के निशाने पर मुनीर ब्रिगेड
अर्जुन में 120 मिमी की राइफल्ड गन है. अर्जुन हाई-एक्सप्लोसिव स्क्वैश हेड (HESH) गोले दाग सकती है. ये दुश्मन के टैंकों को आसानी से नष्ट कर सकती है. इसके साथ ही 7.62 मिमी को-एक्सियल मशीन गन. 12.7 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट मशीन गन इसे और खतरनाक बनाते हैं. अर्जुन का कंचन मॉड्यूलर कंपोजिट आर्मर इसे चारों तरफ से एंटी-टैंक हथियारों से बचाता है.
अर्जुन में कंप्यूटराइज्ड फायर कंट्रोल सिस्टम (FCS) है, जो दिन-रात और हर मौसम में सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. 1400 हॉर्सपावर का MTU डीजल इंजन अर्जुन को 70 किमी/घंटा की रफ्तार देता है.
जारी रहेगा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध
हिंद की ताकत का ट्रेलर देखने के बाद एक बात तो साबित होती है कि पाकिस्तान को अमेरिका की गोद में क्यों बैठना पड़ा. हिंदुस्तान कभी भी जंग नहीं चाहता. लोग कहीं के भी हों भारतीय फौज आम लोगों की इफाजत के लिए अपनी जान देने से पीछे नहीं हटती. लेकिन अब पाकिस्तान के आतंक का पानी सिर से ऊपर जा चुका है. इसलिए भारत ऐलान कर चुका है कि आतंक के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा. जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान का चप्पा चप्पा भारतीय बारूद से कांपेगा.

