पंजाब पुलिस की एक टीम ने अमृतपाल को पंजाब में लाने के लिए असम जाने की पूरी तैयारी भी कर ली थी लेकिन ऐन मौके पर राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद अमृतपाल को एक साल के लिए और NSA के तहत डिटेंशन में रखने का फैसला लिया है।


शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर राज्य के गृह विभाग ने एक साल की हिरासत अवधि को और बढ़ाने पर फैसला लिया है। NSA के अलावा अमृतपाल पर UAPA के तहत भी केस दर्ज है।
पंजाब के अजनाला पुलिस थाने पर हुआ था हमला
पंजाब के अजनाला पुलिस थाने पर किये गये हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के नौ साथियों को रासुका के तहत हिरासत समाप्त होने के बाद अलग-अलग पंजाब वापस लाया गया था। इन अरोपियों में बसंत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, गुरमीत सिंह गिल उर्फ गुरमीत बुक्कनवाला, सरबजीत सिंह कलसी उर्फ दलजीत सिंह कलसी, गुरिंदरपाल सिंह औजला उर्फ गुरी औजला, हरजीत सिंह उर्फ चाचा, कुलवंत सिंह धालीवाल उर्फ कुलवंत सिंह, वरिंदर जोहल एवं पप्पलप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
हुलिया बदलकर पुलिस के जाल से बच निकला था
संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने तरनतारन जिले के खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2024 का लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा था। मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के नाम से खुद को पेश करने वाले इस कट्टरपंथी उपदेशक को एक महीने से अधिक समय तक तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था। खालिस्तान का यह समर्थक 18 मार्च, 2023 को जालंधर जिले में अपना हुलिया बदलकर पुलिस के जाल से बच निकला था।

