
हल्द्वानी सर्किट हाउस आज एक महत्वपूर्ण जन-संवाद का गवाह बना, जब उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के अग्रणी नेता एवं पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरु तथा भीमताल विधानसभा के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता नारायण सिंह बर्गली ने राज्य सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा और सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
ज्ञापन में विशेष रूप से भीमताल विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती हालत को रेखांकित किया गया। हरीश पनेरु ने कहा कि क्षेत्र के कई स्कूलों में शिक्षक गंभीर रूप से अनुपलब्ध हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने विशेष रूप से राइका पतलोट के शिक्षक डॉ. हेमंत कुमार जोशी के निलंबन को ‘राजनीतिक साजिश’ करार देते हुए, उन्हें शीघ्र ही सम्मानपूर्वक स्कूल भेजने की मांग की।
इसके अतिरिक्त, ओखलकांडा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का हवाला देते हुए उन्होंने मंत्री रावत से खून की जांच सुविधा और एक्स-रे मशीन तत्काल चालू करने की मांग रखी। हरीश पनेरु ने कहा कि “इन बुनियादी सुविधाओं की अनुपस्थिति ग्रामीण जनता के जीवन से सीधा खिलवाड़ है। क्या हम उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं दे सकते?”
डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय, हल्द्वानी की स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए ज्ञापन में खराब पड़े चिकित्सा उपकरणों की तत्काल मरम्मत और विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई। पनेरु ने विशेष रूप से वर्षों से कार्यरत उपनल कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि और उन्हें स्थायी किए जाने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि “जो कर्मचारी वर्षों से जनता की सेवा कर रहे हैं, उनके साथ संवेदनशीलता से व्यवहार होना चाहिए।”
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पूरे ज्ञापन को गंभीरता से पढ़ा और मौके पर ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए। उन्होंने आश्वस्त किया कि “राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के मोर्चे पर कोई समझौता नहीं करेगी। जनता की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ज्ञापन में जो भी मांगें रखी गई हैं, उन्हें प्राथमिकता से निस्तारित किया जाएगा।”
इस मुलाकात को लेकर क्षेत्रीय जनता और सामाजिक संगठनों में काफी उत्साह देखा गया। लोगों का मानना है कि हरीश पनेरु जैसे जनप्रतिनिधि जब जमीनी मुद्दों को लेकर सीधे सरकार के सामने खड़े होते हैं, तब ही प्रशासनिक संवेदनशीलता जागती है। यह पहल न केवल भीमताल विधानसभा, बल्कि पूरे कुमाऊं क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद जगाती है।
ज्ञात हो कि हरीश पनेरु राज्य आंदोलन के दिनों से ही जनहित से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उनके प्रयासों से पूर्व में भी कई बार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार से जुड़ी नीतियों में हस्तक्षेप हुआ है। नारायण सिंह बर्गली भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हुए ग्रामीण इलाकों की समस्याएं लगातार सरकार तक पहुंचाते रहे हैं।
यह मुलाकात सिर्फ एक ज्ञापन तक सीमित नहीं रही बल्कि मंत्री रावत द्वारा तत्काल आदेश जारी करने से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार इस दिशा में अब ठोस पहल करेगी।
