23 जून 2025, सोमवार को देवों के महादेव को प्रसन्न करने का ऐसा शुभ संयोग बन रहा है, जो कई साल में बनता है. 23 जून को शिव पूजा से जुड़े 3 शुभ योग एकसाथ बन रहे हैं.

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इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा-अभिषेक करने से 3 गुना फल मिलेगा. जानिए क्‍या है ये दुर्लभ संयोग.

शिव पूजा का दुर्लभ संयोग

दरअसल, इस साल जून महीने में प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि 23 जून को सोमवार के दिन पड़ रहे हैं. सोमवार का दिन, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि तीनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं. साथ ही इसे शिव पूजा के लिए बेहद शुभ संयोग माना जाता है. ऐसा संयोग कई साल में एक बार बनता है. इस तरह इस साल शिव जी को समर्पित सावन महीने से पहले शिव जी को प्रसन्‍न करने का सुनहरा मौका मिलेगा. क्‍योंकि इस एक दिन व्रत रखने से प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि व्रत और सोमवार व्रत रखने का तीन गुना फल मिलेगा.

प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि जून 2025

पंचांग के अनुसार, 23 जून, सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात 10 बजकर 10 मिनिट तक रहेगी. त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है और इसकी पूजा प्रदोष काल में की जाती है. वहीं हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है. 23 जून की रात को चतुर्दशी तिथि रहेगी.

23 जून, सोमवार को शिव पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09:07 से 10:48 तक, दोपहर में 12:02 से 12:55 तक और 02:09 से 03:50 तक रहेगा. वहीं शाम को 05:31 से 07:11 तक रहेगा. वहीं प्रदोष काल मुहूर्त शाम 07:22 से रात 09:23 तक रहेगा. जो लोग मासिक शिवरात्रि व्रत रखते हैं, वे रात को रात 12:03 से 12:44 के बीच पूजा करें.


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