स ऊदी अरब में प्रस्तावित टी-20 लीग ने क्रिकेट जगत में हलचल पैदा कर दी है। यह एक 400 मिलियन डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना है, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने इस लीग को समर्थन देने से इनकार कर दिया है।

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BCCI और ECB का सामूहिक प्रयास

दोनों क्रिकेट बोर्ड अपने प्रमुख टूर्नामेंट्स, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और द हंड्रेड, की सुरक्षा के लिए एकजुट हो गए हैं। उन्होंने एक रणनीति तैयार की है, जिसके तहत सऊदी टी-20 लीग को विफल करने का प्रयास किया जा रहा है।

BCCI और ECB की योजना

ब्रिटिश समाचार पत्र द गार्जियन के अनुसार, जून 2025 में लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के दौरान BCCI और ECB के बीच बातचीत हुई। दोनों बोर्ड ने यह तय किया कि वे सऊदी टी-20 लीग में अपने खिलाड़ियों को भाग लेने के लिए ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) नहीं देंगे। इसके साथ ही, वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) पर दबाव डालेंगे कि इस नई लीग को मान्यता न दी जाए। यह कदम IPL और द हंड्रेड की लोकप्रियता और वित्तीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

सऊदी टी-20 लीग की योजना

सऊदी अरब की SRJ स्पोर्ट्स इनवेस्टमेंट्स ने इस टी-20 लीग के लिए 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। इस लीग में आठ टीमें होंगी, जो साल में चार विभिन्न स्थानों पर टूर्नामेंट आयोजित करेंगी। इसे टेनिस के ग्रैंड स्लैम की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) इस लीग में सऊदी निवेशकों के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक था, क्योंकि इससे उनकी बिग बैश लीग (BBL) को आर्थिक लाभ हो सकता था। लेकिन BCCI और ECB के विरोध ने इस योजना को झटका दिया है।

IPL और द हंड्रेड का महत्व

IPL की कुल कीमत 12 बिलियन डॉलर है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग बनाती है। वहीं, ECB अपने द हंड्रेड टूर्नामेंट के आठ फ्रेंचाइजी में 49% हिस्सेदारी बेचकर 520 मिलियन पाउंड (लगभग 700 मिलियन डॉलर) कमाने की योजना बना रहा है। दोनों बोर्ड नहीं चाहते कि सऊदी टी-20 लीग उनके टूर्नामेंट्स की लोकप्रियता को प्रभावित करे। दूसरी ओर, क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने तीन साल पहले अपनी SA20 लीग की फ्रेंचाइजी IPL मालिकों को बेचकर 136 मिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की थी।

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