केदारनाथ का नया रास्ता खोजा, यह दो किमी छोटा, ज्यादा सुरक्षित आपदा से सबक… कालीमठ से 25 किमी दूर चौमासी से शुरू होगा
केदारनाथ
नए रूट को अभी आपदा में इस्तेमाल करेंगे, यात्रा पर फैसला अभी नहीं..केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग गौरीकुंड से इतर नया रास्ता खोज लिया गया है। यह चौमासी गांव में है, जो गुप्तकाशी से कालीमठ और यहां से 25 किमी आगे 2100 मी. ऊंचाई पर है। चौमासी से केदारनाथ मंदिर की दूरी 19 किमी है, जो सोनप्रयाग से मंदिर तक के 21 किमी लंबे वर्तमान रूट से 2 किमी कम है। 31 जुलाई को केदारनाथ से 6 किमी पहले भीमबली में बादल फटने के बाद 15 हजार लोग फंस गए थे। 7 दिन बाद जैसे-तैसे सभी को सुरक्षित निकाला जा सका।इस आपदा से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर के वैकल्पिक रास्ते की खोज के लिए एक रेकी दल बीते शुक्रवार को चौमासी से रवाना किया था। यह दल लौट आया है। इसने अपनी रिपोर्ट अभी शासन को नहीं दी है, लेकिन, दल को लीड कर रहे एक्सपर्ट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चौमासी रूट पर भूस्खलन का खतरा नहीं है, क्योंकि यहां पहाड़ी नाले नहीं हैं। रूट का बड़ा हिस्सा खास बुग्याल यानी पहाड़ों पर घास के मैदानों से होकर गुजरता है। वर्तमान ट्रैक 10 से 12 हजार फीट ऊपर है, जबकि नए रूट की ऊंचाई 6 से 9 हजार फीट के बीच है। इस पर चढ़ाई कम है और यह वन्यजीव अभ्यारण्य से होकर गुजरना है। यहां किसी भी स्थिति में हेलीकॉप्टर सेवाएं सुचारू बनी रहेंगी। 2013 की आपदा में बचाव दल चौमासी से ही मंदिर पहुंचा थाः कालीमठ क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद राणा के अनुसार 2013 में जब केदारनाथ धाम में आपदा आई थी, तब बचाव टीम चौमासी से ही केदारनाथ पहुंची थी। यहां 6 फीट चौड़ा ट्रैक मौजूद है। लेकिन, इसे विकसित करना पड़ेगा। मांउटेन ट्रैकर्स के संचालक राहुल मेहता के मुताबिक चौमासी से 5 किमी आगे का रास्ता काली गाड़ नदी के किनारे है। उसके बाद घास के मैदान आते हैं। इसके बाद कहीं भी नाला या नदी नहीं है। इसलिए यह ट्रैक थकाऊ नहीं है।हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर