ऑपरेशन सिंदूर : मातृशक्ति का राष्ट्रभक्ति को सलाम ! सरस्वती विद्या मंदिर, आदर्श कॉलोनी, रुद्रपुर

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21 मई 2025

संवाददाता, अवतार सिंह बिष्ट, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स

बीते 22 अप्रैल को जब कश्मीर घाटी में निर्दोष नागरिकों पर आतंकी हमला हुआ, तो समूचे देश का हृदय क्षुब्ध हो उठा। इस क्रूरतम हमले का जवाब भारतीय सेना ने वीरता और संकल्प से दिया—”ऑपरेशन सिंदूर” के रूप में। यह महज़ सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि भारत की अस्मिता, उसकी ममता और उसकी मातृशक्ति की मर्यादा की रक्षा का सशक्त संकल्प था।

इस ऐतिहासिक अभियान के समर्थन में रुद्रपुर की महिलाओं ने एक संगठित स्वर में अपनी राष्ट्रभक्ति प्रकट की। दिनांक 21 मई को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, आदर्श कॉलोनी, रुद्रपुर में आयोजित “महिला सभा” इस ऐतिहासिक प्रतिक्रिया का सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम बन गई।

मुख्य वक्ता – नीमा अग्रवाल जी (क्षेत्रीय कार्यवाहिका)

नीमा अग्रवाल जी ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा:

“ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, यह भारत माता के ललाट पर सजाया गया स्वाभिमान का तिलक है। महिलाओं को अपनी भूमिका सीमित नहीं समझनी चाहिए। आज जब हमारे बेटे, भाई, पति सीमाओं पर तैनात हैं, हमें भी अपने भीतर की वीरांगना को जागृत करना होगा।”

👏 सम्मान उन माताओं को…

कार्यक्रम में उन वीर माताओं और बहनों को सम्मानित किया गया, जिनके पुत्र या पति भारतीय सेना में देश की सेवा कर रहे हैं।

विशेष रूप से श्रीमती गीता भट्ट और श्रीमती रेखा जोशी को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया, जिनके पुत्र एवं पुत्रियाँ भारतीय सेना में एफएमसी (Field Medical Corps) में तैनात हैं।

श्रीमती गीता भट्ट ने भावुक शब्दों में कहा:

“जब मेरी बेटी बॉर्डर पर ड्यूटी करती है, तब मेरा हृदय भी रोज युद्धभूमि में होता है। मैं गर्व से कह सकती हूं कि मेरा खून भी वतन के नाम पर है।

रेखा जोशी जी ने कहा:

“सेना में बेटा का होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। वह भी देश की सेवा में उसी निष्ठा से समर्पित है जैसे कोई बेटा होता है। ऑपरेशन सिंदूर हर उस महिला के आत्मबल का प्रतीक है जो आज स्वयं को सीमाओं से जुड़ा महसूस कर रही है।

🪷 अध्यक्षता एवं संचालन

इस गरिमामयी कार्यक्रम की अध्यक्षता कमलेश बिष्ट दीदी ने की। उन्होंने कहा:

“भारत की स्त्रियां अब मात्र घर की चौखट में नहीं, राष्ट्र की सीमाओं के विचार में भी प्रवेश कर चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करना हमारी नारी चेतना का जागरण है।”

कार्यक्रम का कुशल संचालन लक्ष्मी गोस्वामी, प्रीति धीर और अंजली सक्सेना ने संयुक्त रूप से किया।

🎙️ अन्य वक्ताओं के विचार

डॉ. रेखा शुक्ला:

“भारतीय नारी अब अबला नहीं, सक्षम और सजग है। ऑपरेशन सिंदूर इसका प्रमाण है। सेना में बेटियों की उपस्थिति गर्व की बात है।”

गीतू शर्मा:

“यह अभियान भारतीय सेना का नहीं, समस्त भारतीय महिलाओं की आत्मा का अभियान है।”

अंजू रामपाल:

“हम अपने घरों में दीप जलाकर नहीं, अपने विचारों से देश की रक्षा में योगदान दें। आज वही समय है।”

प्रीति धीर:

“भारतीय संस्कृति में ‘सिंदूर’ शक्ति और संकल्प का प्रतीक है, यह ऑपरेशन उसी का विस्तार है।”

डॉ. रेखा शुक्ला जी के सुपुत्र, जो कि AFMC में कैप्टन हैं, का शिशु मंदिर में सम्मान होना पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। सम्मान समारोह के उपरांत उन्होंने कहा कि एक सच्चा देशभक्त वही होता है जो अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर देश की सेवा को अपना धर्म मानता है। मातृभूमि के लिए बलिदान देना, निस्वार्थ सेवा करना और हर परिस्थिति में राष्ट्रहित को प्राथमिकता देना ही सच्ची देशभक्ति है। युवा पीढ़ी को भी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को समझें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


नारीशक्ति के स्वर बने राष्ट्र की शक्ति

इस महिला सभा ने स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्र के किसी भी संकट में मातृशक्ति न केवल सजग है, बल्कि वह अपने स्वाभिमान और संकल्प से जनजागरण कर सकती है। ऑपरेशन सिंदूर को सामाजिक समर्थन और सम्मान देने का यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि “जब देश पुकारता है, तब माताएं भी युद्धभूमि के गीत गाती हैं।”

22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” को समर्थन देने हेतु 21 मई को रुद्रपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में एक महिला सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कमलेश बिष्ट दीदी ने की और संचालन लक्ष्मी गोस्वामी, प्रीति धीर व अंजली सक्सेना ने किया। मुख्य वक्ता क्षेत्रीय कार्यवाहिका नीमा अग्रवाल ने इसे मातृशक्ति के स्वाभिमान से जोड़ते हुए कहा कि यह ऑपरेशन हर भारतीय महिला के आत्मबल का प्रतीक है।

सभा में उन महिलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिनके पुत्र या पुत्रियाँ भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं। श्रीमती गीता भट्ट और रेखा जोशी को सम्मानित किया गया जिनके बच्चे सेना की फील्ड मेडिकल कॉर्प्स में तैनात हैं। वक्ताओं जैसे डॉ. रेखा शुक्ला, गीतू शर्मा, अंजू रामपाल और प्रीति धीर ने एक स्वर में कहा कि भारतीय महिलाएं अब केवल परिवार की रक्षक नहीं, बल्कि राष्ट्र की सशक्त संवाहक भी हैं।यह कार्यक्रम “ऑपरेशन सिंदूर” के प्रति सामाजिक समर्थन और नारीशक्ति के राष्ट्रप्रेम की जीवंत अभिव्यक्ति बन गया।


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