वै दिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति से किसी व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जिनकी कुंडली में राजयोग होता है, उन्हें जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

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आइए जानते हैं कि कौन सी राशि के जातक को कौन सा ग्रह राजा जैसा सुख प्रदान करता है और कैसे यह पता करें कि आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं।

मेष लग्न

यदि मेष लग्न की कुंडली में मंगल और बृहस्पति की स्थिति मजबूत है और ये दोनों ग्रह 10वें भाव में हैं, तो राजयोग का निर्माण होता है।

वृष लग्न

वृष लग्न के जातकों की कुंडली में यदि नौवें और दसवें भाव में शुक्र और शनि की स्थिति मजबूत है, तो राजयोग बनता है।

मिथुन लग्न

जब मिथुन लग्न की कुंडली में बुध और शनि 9वें और 10वें भाव में एक साथ होते हैं, तब राजयोग का निर्माण होता है।

कर्क लग्न

कर्क लग्न वाले जातकों की कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति यदि भाग्य और कर्म भाव में होते हैं, तो यह राजयोग का कारण बनता है।

सिंह लग्न

सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य और मंगल यदि 9वें और 10वें भाव में अच्छी स्थिति में हैं, तो राजयोग का निर्माण होता है।

कन्या लग्न

कन्या लग्न के जातकों की कुंडली में जब बुध और शुक्र भाग्य और कर्म भाव (9वां और 10वां भाव) में एक साथ होते हैं, तो राजयोग बनता है।

तुला लग्न

तुला लग्न के जातकों की कुंडली में शुक्र और बुध यदि नौवें और दसवें भाव में एक साथ होते हैं, तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में राजयोग का सुख मिलता है।

वृश्चिक लग्न

वृश्चिक लग्न वालों की कुंडली में सूर्य और मंगल यदि नौवें और दसवें स्थान पर एक साथ होते हैं, तो राजयोग की स्थिति बनती है।

धनु लग्न

धनु लग्न वालों के लिए यदि बृहस्पति और सूर्य नौवें या दसवें भाव में एक साथ होते हैं, तो राजयोग बनता है।

मकर लग्न

मकर लग्न के जातकों की कुंडली में जब शनि और बुध कर्म या भाग्य भाव में एक साथ होते हैं, तो राजयोग का निर्माण होता है।

कुंभ लग्न

कुंभ लग्न के जातकों की कुंडली में जब शुक्र और शनि भाग्य और कर्म भाव में उपस्थित होते हैं, तो उनका जीवन राजा के समान होता है।

मीन लग्न

मीन लग्न के जातकों की कुंडली में जब गुरु और मंगल 9वें और 10वें भाव में एक साथ होते हैं, तो यह स्थिति राजयोग बनाती है।

✧ धार्मिक और अध्यात्मिक

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