हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। वर्ष में कुल चार बार नवरात्रि आती है. इनमें से दो को ‘प्रकट नवरात्रि’ और दो को ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है।

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प्रकट नवरात्रियों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना और 10 महाविद्याओं की उपासना के लिए जानी जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से साधकों और तांत्रिक साधनाओं से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इस वर्ष आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून से 4 जुलाई 2025 तक मनाई जाएगी।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये गलतियां
तामसिक भोजन का परहेज करें

इस दौरान मांसाहार, लहसुन-प्याज और शराब जैसे तामसिक आहार पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं। शुद्ध सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

ज्वार न बोएं
सामान्य नवरात्रि में घटस्थापना के समय ज्वार बोने की परंपरा होती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में इसे वर्जित माना गया है। ऐसा करना पुण्य की जगह पाप का कारण बन सकता है।

रौद्र रूप की मूर्ति या तस्वीर न लगाएं
मां के उग्र या रौद्र रूपों की तस्वीर गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजन स्थल पर न लगाएं। इससे साधना में विघ्न आ सकता है।

दक्षिण दिशा की यात्रा न करें
गुप्त नवरात्रि के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा को अशुभ माना जाता है। संभव हो तो इस दिशा में जाने से बचें।

गुप्त नवरात्रि की साधना बेहद शक्तिशाली मानी जाती है, लेकिन इसके साथ ही यह अनुशासन और सावधानी की भी मांग करती है। जो साधक विधिवत और नियमपूर्वक इसका पालन करते हैं, उन्हें मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


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