संपादकीय लेख रूद्रपुर से विकास का शंखनाद: उत्तराखण्ड को समर्पित 1342.84 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

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रूद्रपुर की धरती एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी जब देश के केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड निवेश उत्सव-2025 के अवसर पर कुल ₹1342.84 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उनके साथ मंच साझा करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निवेश पर्व को राज्य के समग्र विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया। यह आयोजन केवल घोषणाओं का मंच नहीं, बल्कि “विकास के धरातल पर उतरते संकल्पों की सार्वजनिक पुष्टि” थी।

निवेश नहीं, नवयुग का संदेश

वास्तविकता यह है कि पहली बार किसी राज्य सरकार ने केवल एमओयू के हस्ताक्षर तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि ज़मीन पर उतरे कार्यों को जनमंच पर उत्सवपूर्वक प्रस्तुत किया। यह कार्यशैली उस पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता को दर्शाती है जिसकी बार-बार सराहना स्वयं श्री अमित शाह ने की। इस प्रकार का मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है।

लोकार्पण: परिणाम की पहली सीढ़ी

₹79.34 करोड़ की जिन 4 योजनाओं का लोकार्पण हुआ, वे उत्तराखण्ड की बुनियादी संरचना को मजबूती देने वाले स्तंभ हैं। पिथौरागढ़ जिला कारागार का उद्घाटन जहां न्यायिक प्रणाली की सुविधा में सुधार करेगा, वहीं चम्पावत में दो राजकीय पॉलीटेक्निक भवनों का उद्घाटन तकनीकी शिक्षा के प्रसार की दिशा में सार्थक कदम है। पुलिस विभाग के नए आवासीय भवन न केवल बलों को सुविधा देंगे बल्कि कार्यक्षमता में भी बढ़ोत्तरी करेंगे।

शिलान्यास: कल की नींव, आज के भरोसे पर

मुख्य आकर्षण रही ₹1263.5 करोड़ की 16 बड़ी परियोजनाएं जिनका शिलान्यास किया गया। इनमें सबसे उल्लेखनीय ₹378.35 करोड़ की लागत से हल्द्वानी में बस टर्मिनल और प्रशासनिक भवन की परियोजना है, जो शहर की यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक दक्षता को नया आयाम देगी। वर्षा जल प्रबंधन और सड़क निर्माण की ₹217.82 करोड़ की योजना सतत् विकास की दिशा में स्पष्ट प्रतिबद्धता है।

टनकपुर क्षेत्र में ₹171.54 करोड़ की पेयजल परियोजना, रूद्रपुर में ₹126 करोड़ की लागत से बन रहा कामकाजी महिला छात्रावास—ये योजनाएं समाज के उस वर्ग को केन्द्र में रखती हैं जो अक्सर हाशिये पर रह जाता है। महिला सशक्तिकरण और जल प्रबंधन जैसे विषयों को प्राथमिकता देना वर्तमान सरकार की संवेदनशीलता और समावेशी सोच को दर्शाता है।

सुरक्षा बलों और शिक्षा पर खास फोकस

PAC की 31वीं और 40वीं वाहिनियों के लिए टाईप-2 आवासों (₹47.79 करोड़ व ₹42.66 करोड़) का निर्माण, पुलिस विभाग के आवासीय व अनावासीय भवनों की अनेक योजनाएं, और वीसी कक्षों की स्थापना यह संकेत देती हैं कि उत्तराखण्ड सरकार कानून व्यवस्था के आधुनिकीकरण के प्रति गंभीर है। इसी के साथ कुमाऊँ विश्वविद्यालय में ₹45.68 करोड़ की लागत से उच्चीकरण और आधुनिकीकरण की योजना उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और अधुनिकीकरण की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है।

विरासत और नवाचार का संतुलन

नैनीताल में मेट्रो पोल होटल परिसर की सरफेस पार्किंग योजना हो या चम्पावत में मल्टी-लेवल पार्किंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण—ये सभी परियोजनाएं दर्शाती हैं कि उत्तराखण्ड अब स्मार्ट सिटी संस्कृति को अपनाने के लिए तैयार हो चुका है। गांधी पार्क रूद्रपुर का सौंदर्यीकरण न केवल एक सौंदर्य योजना है, बल्कि यह शहरी जीवन को सुगम, हरित और सामाजिक रूप से समावेशी बनाने की सोच का हिस्सा है।

राजनीति से परे, जनता के लिए समर्पित योजना

कई बार आलोचक कहते हैं कि शिलान्यास और लोकार्पण केवल राजनीतिक प्रदर्शन होते हैं। किंतु रूद्रपुर में आयोजित इस निवेश उत्सव ने इस धारणा को खारिज करते हुए साबित किया कि योजनाएं अब जमीनी स्तर पर परिणाम देने के लिए तैयार हैं

उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए ऐसी योजनाएं केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि यह सपनों का संकल्पित आर्किटेक्चर हैं। यहां का हर पुल, हर इमारत, हर पानी की पाइपलाइन, हर छात्रावास और हर बस टर्मिनल उस ‘नवउत्तराखण्ड’ की ईंट है, जिसकी कल्पना राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों ने की थी।

श्री अमित शाह का यह दौरा न केवल सियासी संदेश देने वाला था, बल्कि यह उत्तराखण्ड की विकास-यात्रा के लिए राजकीय आशीर्वाद के समान था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नेतृत्व क्षमता को जहां राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है, वहीं यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखण्ड ‘निवेश, नवाचार और निर्माण’ की नई पहचान बनेगा।


लेखक: अवतार सिंह बिष्ट,प्रकाशन: हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स / शैल ग्लोबल टाइम्स

रुद्रपुर, उत्तराखण्ड


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