इजरायल-हमास जंग में सैकड़ों फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है. वहीं शुक्रवार 18 जुलाई 2025 को इजरायल की ओर से गाजा में किए गए हमलों में लगभग 30 फलस्तीनी मारे गए.

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इससे यहां मरने वालों की संख्या 59 हजार के करीब पहुंच गई है. गाजा पर लगातार अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें इजरायल से फलीस्तीन के इलाकों पर किए कब्जे को खत्म करने की अपील की है.

इलाज के लिए मारामारी
‘वेटिकन न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में हालत इतने भयावह हैं कि डॉक्टर क्षतिग्रस्त पड़े हेल्थ सिस्टम में भारी संख्या में हताहत और घायल लोगों की जरूरतें पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे यह फैसला लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं कि इसका इलाज पहले किया जाए, जिसके चलते लंबे समय के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारियों और क्रॉनिंग कंडीशन वाले मरीजों को बिना देखभाल के छोड़ दिया जाता है.

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इजरायल ने की बमबारी
शुक्रवार को इजरायल की ओर से उत्तरी गाजा, पूर्वी गाजा और एन्क्लेव के दक्षिण में विस्थापित व्यक्तियों के एक कैंप पर जमकर बमबारी की, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. पीड़ितों में कई बच्चे भी शामिल हैं, जिनके शरीर में ड्रोन हमले के जख्म लगे हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मिसाइल हमलों मेंम धातु, कीलें और छर्रे होते हैं, जो तेजी से फटकर बाजार में या पानी लेने के लिए खड़ी भीड़ को टारगेट करते हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का प्रस्ताव
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें इजरायल से एक साल के अंदर फलस्तीनी इलाकों पर अपने अवैध कब्जों को खत्म करने का आह्वान किया गया है. इस दौरान सभा ने यह भी कहा कि इजरायल कब्जे के कारण फलस्तीनी नागरिकों को हुए नुकसान की भरपाई भी करे.


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