भ्रष्टाचार के प्रकरणों पर पुष्कर सिंह धामी सरकार निरंतर कड़े प्रहार कर रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में अनियमितता बरतने के आरोपों की पुष्टि के बाद देहरादून जिले के अंतर्गत रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पंवार को निलंबित कर दिया गया है। Uttarakhand: भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का एक बार फिर कड़ा प्रहार, देहरादून की मुख्य कृषि अधिकारी निलंबित; इन पर भी हुई कार्रवाई

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शैल ग्लोबल टाइम्स, अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड, (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)

इसके साथ ही योजना के क्रियान्वयन के समय और उसके पश्चात सत्यापन न करने पर देहरादून की मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह के अलावा रायपुर के न्याय पंचायत प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी एवं सेवानिवृत्त विकासखंड प्रभारी विनोद धस्माना से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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यहां मिली शिकायतें

रायपुर क्षेत्र में पीएमकेएसवाई के अंतर्गत हो रहे कार्यों को लेकर शासन को शिकायतें मिली थीं। यही नहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में जन शिकायत निवारण दिवस में क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी के समक्ष यह मामला उठाते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

इस बीच शासन ने रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पंवार को कृषि निदेशालय से संबद्ध कर उन पर लगे पीएमकेएसवाई में अनियमितता के आरोपों की जांच कराई। इसमें शिकायतों की पुष्टि होने के बाद कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रकरण में कड़ी कार्रवाई के निर्देश सचिव एवं महानिदेशक को दिए थे। कृषि एवं उद्यान सचिव विनोद कुमार सुमन ने शुक्रवार को कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी पंवार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

जहां पानी नहीं, वहां भी दिखाया योजना का क्रियान्वयन

निलंबन आदेश के मुताबिक रायपुर क्षेत्र में योजना के क्रियान्वयन में कदम-कदम पर अनियमितता बरती गई। प्रकरण की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि योजना में लाभार्थियों के चयन में कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। कुछ ऐसे गांवों में भी सिंचाई योजना का क्रियान्वयन किया गया, जहां पानी का स्रोत ही नहीं था अथवा पानी की कमी थी।

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए गदेरे से पानी के नल से पाइपों को जोड़ा गया, जबकि इसके लिए टैंक, चेकडैम से जोड़ा जाना चाहिए था। यही नहीं, 30 अक्टूबर को जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत आने के बावजूद अधिकांश स्थानों पर सामग्री का वितरण किया गया, जबकि संपूर्ण भुगतान पहले ही हो चुका था।

बीजकों व अनुदान का भुगतान सीधे फर्मों को किया गया, जबकि डीबीटी के माध्यम से कृषकों को यह भुगतान होना था। कुछ कृषकों के बीजकों का भुगतान फर्मों को दो बार किया गया। केंद्र व राज्य से प्राप्त धनराशि का भी त्रुटिपूर्ण भुगतान किया गया।

बचत खाते में सरकारी पैसा हस्तांतरित कर किया भुगतान

निलंबन आदेश के अनुसार कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर ने सरकारी खाते से 87.38 लाख रुपये बचत खाते में हस्तांतरित किए। इसी बचत खाते से मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर सेट का भुगतान किया गया, जबकि यह सरकारी खाते से होना चाहिए था। कृषकों के आवेदन पत्रों व शपथ पत्रों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर पाए गए। अधिकांश जियो टैगिंग के फोटोग्राफ्स व स्प्रिंकलर सेट के फोटोग्राफ भी गलत लगाए गए थे।

मुख्य कृषि अधिकारी से 15 दिन में जवाब मांगा

कृषि एवं उद्यान सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस मामले में देहरादून की मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्य कृषि अधिकारी को भेजे नोटिस में उन्होंने रायपुर क्षेत्र में पीएमकेएसवाई में अनियमितता के प्रकरण की जांच आख्या का हवाला देते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वयन के समय एवं पश्चात मुख्य कृषि अधिकारी ने सत्यापन व निरीक्षण नहीं किया। यह उनके कार्य व दायित्वों के अनुसार अपेक्षित था। मुख्य कृषि अधिकारी को 15 दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

न्याय पंचायत व विकासखंड प्रभारी ने भी नहीं किया सत्यापन

कृषि एवं उद्यान सचिव ने महानिदेशक कृषि एवं उद्यान को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि रायपुर के न्याय पंचायत प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी व तत्कालीन विकासखंड प्रभारी विनोद धस्माना (अब सेवानिवृत्त) से भी स्पष्टीकरण लिया जाए। दोनों पर गांवों में मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर सेट और स्प्रिंकलर सेटों का मौके पर जाकर सत्यापन न करने का आरोप है।

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